प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्म दिवस 17 सितम्बर से लेकर गांधी जयंती 2 अक्टूबर तक देश भर में “स्वच्छता ही सेवा” अभियान धूमधाम से मनाया गया। इसी क्रम में नगर पंचायत पटना में भी 15 दिवसीय यह कार्यक्रम पूरे जोश के साथ चलाया गया।
नगर अध्यक्ष पटना गायत्री सिंह ने भी अभियान में बढ़-चढ़कर भाग लिया। उन्होंने अपने समर्थकों के साथ सड़कों पर हाथों में बड़े-बड़े झाड़ू लेकर स्वच्छता अभियान में भागीदारी की और निरन्तर सोशल मीडिया पर तस्वीरें व वीडियो साझा कर खूब वाहवाहियां बटोरीं।
लेकिन बड़ा सवाल यह है कि — क्या इस अभियान का ज़मीनी असर दिखा?
क्षेत्र का वास्तविक हाल कुछ और ही कहानी कह रहा है। मुख्य बाज़ारों, गलियों और सार्वजनिक स्थलों पर फैली गंदगी इस बात की गवाही दे रही है कि स्वच्छता ही सेवा अभियान केवल झाड़ू पकड़कर फोटो खिंचवाने और प्रचार पाने का ज़रिया बन कर रह गया।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि 15 दिन का स्वच्छता ही सेवा अभियान केवल दिखावा था। इस अभियान से जुड़े लोग गंदगियों में जाकर उसकी सफाई करने के बजाय साफ सुथरे जगह पर जाकर हाथों में झाड़ू व पीछे स्वच्छता ही सेवा का बैनर पकड़ा कर फ़ोटो खींचाने व उसे सोशल मीडिया में पोस्ट करने का काम मात्र ही करते रहे। अगर सच्चे लगन, निष्ठा व ईमानदारी के साथ यह अभियान चलाया गया होता तो आज हमारा नगर पटना बेहद स्वच्छ होता।
स्वच्छता को लेकर नगर पंचायत की निष्क्रियता से लोगों में नाराज़गी है। नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि अभियान को दिखावे तक सीमित न रखकर नियमित सफ़ाई व्यवस्था, कूड़ा निपटान और जनभागीदारी पर ज़ोर दिया जाए।
फोटो संलग्न
2 नगर के राष्ट्रीय राज्य मार्ग में नगर पटना के बोर्ड तले कचड़े का अंबार