सरकारी ज़मीन पर दबंगई! आंगनबाड़ी की भूमि पर कब्जा — आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के घर वाले ही बना रहे पक्का मकान, छत ढलाई बाकीI

सरकारी ज़मीन पर दबंगई! आंगनबाड़ी की भूमि पर कब्जा — आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के घर वाले ही बना रहे पक्का मकान, छत ढलाई बाकीI

शशि रंजन सिंह


सूरजपुर (सी एन बी लाइव न्यूज चैनल):-- गांव की आंगनबाड़ी की ज़मीन अब "निजी राजमहल" में तब्दील हो रही है!
सूरजपुर जिले के प्रातापपुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम सेमराखुर्द में सरकारी ज़मीन पर खुलेआम कब्जा और पक्का मकान निर्माण का मामला सामने आया है।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जिन परिवारों के लोग खुद आंगनबाड़ी केंद्र में कार्यरत हैं, वही अब उसी ज़मीन पर पक्का घर खड़ा कर रहे हैं।
सरकारी ज़मीन पर छत ढालने की तैयारी!

ग्राम सेमराखुर्द स्थित खसरा नंबर 235, रकबा 0.91 हेक्टेयर भूमि शासकीय दर्ज है — यही जगह है जहाँ पहले से आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है।
ग्रामवासियों के अनुसार, इसी भूमि पर अब दो परिवारों ने दिन-दहाड़े पक्का मकान बना लिया है, बस छत की ढलाई बाकी है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के परिवार पर आरोप

ग्रामीणों का आरोप बेहद गंभीर है —

श्रेयष तिवारी पिता रामबहादुर तिवारी, जिनकी माता ममता तिवारी इसी आंगनबाड़ी केंद्र की कार्यकर्ता हैं,

हिमांशु तिवारी पिता अवधेश तिवारी, जिनकी माता सुधा तिवारी ग्राम सेमराखुर्द (आमापारा) की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं।


यानी एक तरफ सरकार बच्चों के पोषण और शिक्षा के लिए आंगनबाड़ी चला रही है,
तो दूसरी तरफ आंगनबाड़ी परिवार के लोग ही उसी ज़मीन पर कब्जा कर पक्का घर बना रहे हैं!

ग्रामीणों में भारी आक्रोश

गांव के निवासियों का कहना है कि यह ज़मीन सार्वजनिक उपयोग की है — यहाँ यात्री प्रतीक्षालय, सामुदायिक भवन या कोई अन्य सरकारी सुविधा बनने की योजना थी।
लेकिन अब कुछ दबंग लोग मिलकर इस भूमि को हड़पने में जुटे हैं।
ग्रामीणों का आरोप है कि कब्जाधारियों ने पहले पौधे उखाड़े, फिर पिलर गाड़े और अब मकान की दीवारें खड़ी कर दी हैं।

“सरकार चुप है, कब्जे का खेल जारी है”

आवेदक कपूरचंद गुप्ता (पिता नागर प्रसाद गुप्ता) ने एसडीएम प्रातापपुर को लिखित आवेदन में कहा कि प्रशासन की आंखों के सामने सरकारी ज़मीन पर कब्जा चल रहा है।
यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई, तो आने वाले दिनों में यह अवैध निर्माण स्थायी रूप ले लेगा।

उन्होंने चेतावनी दी —

> “यह जनता की ज़मीन है, किसी की बपौती नहीं!
अगर प्रशासन चुप रहा तो पूरा गांव आंदोलन करेगा।”



ग्रामीण बोले – ‘अगर यह हुआ तो हर सरकारी ज़मीन बिक जाएगी’

ग्रामवासियों ने कहा कि यदि आंगनबाड़ी केंद्र की ज़मीन पर भी कब्जा संभव है,
तो आगे चलकर स्कूल, अस्पताल और पंचायत भवनों की ज़मीनें भी सुरक्षित नहीं रहेंगी।

प्रशासन से मांग – तुरंत हटाया जाए कब्जा

ग्रामीणों ने एसडीएम से मांग की है कि तहसीलदार और राजस्व विभाग मौके पर पहुंचकर निर्माण कार्य रुकवाएं और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करें।
साथ ही, आंगनबाड़ी केंद्र से जुड़े कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच की जाए कि क्या इस अवैध कब्जे में कोई आंतरिक मिलीभगत तो नहीं।

क्या प्रशासन पर है राजनीतिक दबाव? — आंगनबाड़ी की ज़मीन पर कब्जे को लेकर उठने लगे गंभीर सवाल

ग्राम सेमराखुर्द में शासकीय भूमि पर खुलेआम निर्माण जारी है, लेकिन अब तक प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
ग्रामीणों का कहना है कि शिकायत दिए कई दिन बीत चुके हैं, फिर भी न तो मौके पर राजस्व टीम पहुंची और न ही निर्माण रुकवाया गया।

यही वजह है कि अब गांव में यह चर्चा ज़ोरों पर है कि —

> “क्या प्रशासन किसी राजनीतिक दबाव में है?
क्या स्थानीय प्रभावशाली परिवारों के कारण अधिकारी कार्रवाई से बच रहे हैं?”



सूत्रों के अनुसार, कुछ राजनीतिक हस्तियों के इशारे पर यह मामला “ठंडे बस्ते” में डालने की कोशिश की जा रही है।
हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि वे अब चुप नहीं बैठेंगे।
यदि कार्रवाई नहीं हुई तो वे जन आंदोलन की तैयारी में हैं और जल्द ही कलेक्टर से मिलकर लिखित ज्ञापन सौंपेंगे।
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