@ बालोद // पीयूष कुमार साहू।।
14 जून विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वंय सेवकों ने लोगों को रक्तदान से होने वाले फायदे व लोगों को रक्तदान करने के लिए प्रेरित व जागरूक किया।
स्वैच्छिक, अवैतनिक रक्तदान के उपहार से मानव जीवन बचाने वालों को धन्यवाद देने तथा जरूरतमंद रोगी के लिए रक्त और रक्त उत्पादों की गुणवत्ता, सुरक्षा और उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए नियमित रक्तदान की आवश्यकता बढ़ाने के लिए प्रतिवर्ष 14 जून विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है।
रक्तदान कर राष्ट्रीय एकात्मता बढ़ाए... :- स्वयं सेवक यशवंत टंडन
राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वंय सेवक यशवंत कुमार टंडन ने बताया कि प्रतिदिन जिला चिकित्सालय में भर्ती मरीजों को 40 से 50 यूनिट रक्त की आवश्यकता होती है, अगर शासकीय ल निजी चिकित्सालयों की बात करें तो प्रतिदिन 70-80 यूनिट ब्लड की खपत होती है,जिसकी अपेक्षा में रक्तदाताओं की कमी है जिसका मुख्य कारण युवाओं में रक्तदान के प्रति फैलीं भ्रांतियां हैं, जिसकों दूर करने के लिए राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वंय सेवकों द्वारा समय-समय पर रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाता है।और रक्तदान पर आयोजित चित्रकला,नारा लेखन, नुक्कड़ नाटक,पोस्टर, जागरूकता रैली भी निकाली जाती है।
राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वंय सेवक यशवंत कुमार टंडन ने अपना प्रथम रक्तदान एक 13 साल की बेटी जो रक्त की कमी से जूझ रही थी। जिसके जीवन रक्षा के लिए एक फोन काल पर जानकारी मिलने पर तुरंत अस्पताल में आकर अपना प्रथम स्वैच्छिक रक्तदान कर मानवता का फर्ज निभाया।
वैक्सीन लगने से पहले अवश्य करे रक्तदान स्वयंसेवयिका कल्पना बम्बोडे़ वैक्सीन लगने के बाद क्या रक्तदान किया जा सकता है? इस बारे में राष्ट्रीय रक्त संचरण परिषद् ( एनबीटीसी ) ने हाल में एक आदेश जारी किया है, एनबीटीसी के मुताबिक यदि आपने वैक्सीन ले ली है तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप सतर्कता बरतना छोड़ दे। 28 दिनों के अन्तराल पर वैक्सीन की दो खुराक दी टीके की दोनों खुराक लेने के 28 दिनों बाद ही रक्तदान किया जा सकता है यानी कि यदि आपने अभी सिर्फ एक ही खुराक ली है तो फिर करीब 56 दिनों के बाद ही आपके लिए रक्तदान करना उपयोगी माना जा सकता है। रक्तदान करने या लेने से पहले संबंधित चिकित्सको को भी इस बात की पुष्टि कर लेनी चाहिए।
28 दिनों का इंतजार क्यों _ एनबीटीसी के विशेषज्ञों का कहना है कि टीके की दूसरी खुराक लेने के करीब 14 दिनों के बाद से शरीर में एंटीबाॅडी का प्रभाव शुरू होता है। 28 दिनो से पहले किये गये रक्तदान का सामान्यरूप से असर नहीं होता है और इससे रक्त प्राप्ति करने वाले को कोरोना से भी संभावित सुरक्षा भी नहीं मिल पाती हैं। इस कारण से वैक्सीन लगने से पूर्व रक्तदान अवश्य करे।
रक्तदान एक सुरक्षित और सरल प्रक्रिया :- स्वयंसेविका ऋचा साहू _
हमारे द्वारा दिया गया रक्त किसी अनजान व्यक्ति की शल्य चिकित्सा के समय,प्रसव या चोट के कारण अधिक रक्तस्राव से हुई खून की कमी की पूर्ति कर उसके जीवन को बचा सकता है। सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति या हीमोफिलिया, कैंसर,रक्तअल्पता, थैलेसिमिया से पीड़ित बच्चों , गर्भवती महिलाओं को प्रसव के समय या किसी रक्त से जूझते मरीजों में हुई रक्त की कमी को पूर्ति कर उसके जीवन को बचा सकता है। और नया जीवन प्रदान कर सकता है।
रक्तदान करने से शरीर में कोई कमजोरी नहीं होती, बल्कि हमारा शरीर नये रक्त का निर्माण कर लेता है और शरीर में स्फूर्ति आती है।और बहुत सारी बीमारियां दूर होती है। रक्तदान एक सुरक्षित और सरल प्रक्रिया है। रक्तदान करने से हमें अपने रक्त समूह से परिचित हो जाते हैं। इसके अतिरिक्त हमारा स्वास्थ्य परीक्षण भी मुफ्त में हो जाता है। कोई नहीं जानता कब,किसे वहां कहा रक्त की जरूरत पड़ जाए। अधिक से अधिक स्वैच्छिक रक्तदान ही समाज की सुरक्षा है।
सभी को जरूरत पड़ने पर रक्तदान करना चाहिए।