80 लाख साल तक जमीन में दफ़न रहा विशालकाय 'दानव'... मुंह में 10 फीट का शिकार दबाए निकला जमीन से बाहर...

80 लाख साल तक जमीन में दफ़न रहा विशालकाय 'दानव'... मुंह में 10 फीट का शिकार दबाए निकला जमीन से बाहर...


दुनिया में जानवरों की कई प्रजातियां हैं. कई जानवर विलुप्त (Extinct) हो चुके हैं. जानवरों की ऐसी प्रजातियों का पता चलता है उनके मिले जीवाश्म यानी फॉसिल्स (Fossils) से. 2009 में ऑस्ट्रेलिया के नॉर्दर्न टेरेटरी (Northern Territory) में 80 साल पुराना मगरमच्छ का जीवाश्म मिला था. इसमें सिर्फ मगरमच्छ की खोपड़ी शामिल थी. लेकिन खोपड़ी का साइज देखकर ही रिसर्चर्स ने अंदाजा लगाया कि ये मगरमच्छ करीब 17 फ़ीट लंबा रहा होगा.

मगरमच्छ के इस फॉसिल की कई रिसर्चर्स ने मिलकर स्टडी की है. इसमें कई चौंकाने वाली बातें सामने आई. रिसर्चर्स का कहना है कि इस प्रजाति के मगरमच्छ के बारे में अब तक किसी को कोई जानकारी नहीं थी. ये अबसे कई लाखों साल पहले दुनिया में रहते थे. इनका सिर काफी बड़ा होता था. जिस साइज का फॉसिल मिला है, उससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि इनके मुंह में करीब 10 फ़ीट का शिकार आ जाता था.


हुए और भी कई खुलासे :

नॉर्दर्न टेरिटरी के म्यूजियम एंड आर्ट गैलरी के सीनियर क्यूरेटर डॉ एडम याट्स ने फॉसिल पर और भी कई खुलासे किये. उन्होंने कहा कि ताज्जुब इस बात का भी है कि उस दौर में इतने विशाल मगरमच्छ के रहने के लिए इतने बड़े समुद्र या झील नहीं थे. फिर ये आखिर रहते कहां थे? इसके मुंह के बड़े-बड़े दांत इसे डरावना भी बना देते हैं. इनका वजन कई किलो में रहा होगा. साथ ही ये खुद से बड़े शिकार करते होंगे.


अगले साल होगा नामकरण :

रिसर्चर्स अभी भी इस मगरमच्छ पर शोध कर रहे हैं. चूंकि, इससे पहले कभी इस तरह के मगरमच्छ नहीं मिले थे, इस वजह से सोच समझकर इसका नामकरण अगले साल किया जाएगा. अंदाजा लगाया जा रहा है कि मगरमच्छ की ये प्रजाति काफी मजबूत थी. ये 10 फ़ीट बड़े शिकार को चबा जाती थी, जिनका वजन 650 किलो तक हुआ करता था.
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