अस्पताल में इलाज के लिए अब कोरोना टेस्ट जरूरी नहीं… कोविड-19 की राष्ट्रीय नीति में बड़ा बदलाव… किसी भी मरीज को सेवाएं देने से नहीं किया जाएगा इनकार… जानें स्वास्थ्य मंत्रालय की नयी एडवाइजरी…

अस्पताल में इलाज के लिए अब कोरोना टेस्ट जरूरी नहीं… कोविड-19 की राष्ट्रीय नीति में बड़ा बदलाव… किसी भी मरीज को सेवाएं देने से नहीं किया जाएगा इनकार… जानें स्वास्थ्य मंत्रालय की नयी एडवाइजरी…

👩‍💻 CNBLIVE..✍️
//सीएनबी लाईव।।
नई दिल्ली 8 मई 2021। केंद्र सरकार ने नई गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। अब अस्पतालों में इलाज कराने के लिए कोरोना संक्रमण का टेस्ट कराना अनिवार्य नहीं होगा। अस्पतालों में मरीजों को भर्ती कराने की राष्ट्रीय नीति में संशोधन किया गया है। अब तक अस्पतालों में एडमिट होने के लिए कोविड पॉजिटिव रिपोर्ट अनिवार्य होती थी। नए बदलाव के तहत, अब रिपोर्ट की अनिवार्यता खत्म कर दी गर्इ है।

गौरतलब है कि पहले रिपोर्ट के चक्कर में मरीजों को काफी परेशान होना पड़ता था। वहीं, कई मरीजों ने तो अपनी जान भी गंवा दी थी। ऐसे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नई गाइडलाइंस जारी कर दीं। साथ ही, इस संबंध में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के चीफ सेक्रेटरी को निर्देश दिए हैं। उनसे कहा गया है कि नई नीति को तीन दिन में अमल में लाया जाए।


 
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 का संदिग्ध मामला CCC, DCHC या DHC के संदिग्ध वार्ड में भर्ती किया जाएगा। किसी भी मरीज को किसी भी हालत में सेवाएं देने से मना नहीं किया जाएगा। इनमें ऑक्सीजन या आवश्यक दवाएं जैसी दवाएं शामिल हैं, भले ही रोगी एक अलग शहर से संबंधित हो।

केंद्रीय स्वास्थय मंत्रालय ने कहा कि किसी भी मरीज को इस आधार पर प्रवेश देने से मना नहीं किया जाएगा कि वह उस वैध पहचान पत्र को दिखाने में सक्षम नहीं है जो उस शहर से संबंधित नहीं है जहां अस्पताल स्थित है। मंत्रालय ने कहा कि अस्पताल में प्रवेश जरूरत के आधार पर होना चाहिए।


 
स्वास्थ्य मंत्रालय की नई नीति के मुताबि​क किसी भी मरीज को ऑक्सीजन और दवा देने से मना नहीं होनी चाहिए, भले ही वह अलग शहर का ही क्यों न हो। किसी भी मरीज को इस आधार पर भर्ती करने से मना नहीं किया जा सकेगा कि उसके पास उस शहर या जिले का वैध पहचान पत्र नहीं है, जिस जिले या शहर में अस्पताल है।

बता दें कि कई अस्पतालों ने कोविड वार्ड में मरीज के भर्ती के लिए कोरोना पॉजिटिव टेस्ट रिपोर्ट दिखाने की अनिवार्यता रखी है। ऐसे में कुछ गंभीर स्थिति वाले मरीज जब अस्पताल में भर्ती के लिए आते हैं तो उनके कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट मांगा जाता है। तब उन्हें कोविड वार्ड में भर्ती किया जाता है। ऐसे में जिनके पास पॉजिटिव रिपोर्ट नहीं होता अस्पताल उनको भर्ती करने से इनकार कर देते हैं।


 
इस स्थिति से निपटने के लिए ही केंद्र सरकार ने अस्पताल मे भर्ती के नियमों में संशोधन किया है। अब जिन मरीजों के पास कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट नहीं होगी, उन्हें कोविड संदिग्ध वार्ड में भर्ती किया जा सकेगा। बाद में रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें कोविड वार्ड में शिफ्ट किया जा सकता है।



To Top