मां-बेटी ने खाया जहर... सुसाइड नोट में लिखा- हमें जीने की इच्छा नहीं, बचाने की कोशिश भी न करें, खुदकुशी का कारण- गले में खराश -। CNB Live News।

मां-बेटी ने खाया जहर... सुसाइड नोट में लिखा- हमें जीने की इच्छा नहीं, बचाने की कोशिश भी न करें, खुदकुशी का कारण- गले में खराश -। CNB Live News।


@बिलासपुर//सीएनबी लाईव।। 

जिले के सरकंडा थाना इलाके में एक दिल दहला देने वाली घटना हुई है. सोनगंगा कॉलोनी में रहने वाली मां-बेटी ने जहर खाकर आत्महत्या की कोशिश की है. इस कोशिश में मां की तो मौत हो गई, लेकिन बेटी अभी जिंदा है. उसका इलाज सिम्स में चल रहा है. उन्होंने अपने कुत्ते को भी जहर देकर मार दिया.

खुदकुशी करने से पहले बेटी ने दो सुसाइड नोट भी लिखा है. उसमें आत्महत्या की जो वजह लिखी वो जानकर अपके भी होश उड़ जाएंगे. लिखा है, जीभ में किसी तरह का स्वाद महसूस न होना, गले में खराश बने रहना तथा अत्यधिक मात्रा में चक्कर आना, इन्हीं समस्याओं से हम जिंदगी से पूरी तरह निराश हैं. इसलिए हम आत्महत्या कर रहे हैं. इसके लिए किसी को भी दोषी न ठहराया जाए. यदि हम इस कीटनाशक दवा के सेवन से नहीं मरते हैं तब भी हमें बचाने का प्रयास न किया जाए, क्योंकि हमारी जीने की इच्छा शक्ति खत्म हो चुकी है। 

हमारे मकान मालिक निर्दोष हैं:

दूसरा सुसाइड नोट मकान मालिक के नाम पर है, जिसमें लिखा है, आपके (मकान मालिक) मकान में अपनों की तरह रहें, आप जैसे मकान मालिक सभी को दें, संजय चक्रवर्ती साहब, आपके मकान में शिफ्ट करने से पहले हमने आपको 04/02/2014 को 8,000/-रुपए एडवांश दिए थे, आप अभी दिसंबर 2020 का मकान का किराया 6,000/-उसी में से काट लीजिएगा. दिसंबर 2020+जनवरी 2021 के बिजली पानी के बिल का भुगतान, हमने कर दिया है एवं बिल भी आपको सौंप दिया है। 

बचे हुए 2,000/-रुपए को आप जनवरी 2021 के 10 दिनों का किराया समझ लीजिएगा. आपके मकान में अपनों की तरह रहे और आपने जो अपनापन दिया, उसका बहुत-बहुत धन्यवाद. जाने अनजाने में यदि हमसे कोई गलती हुई हो या हमने आपका दिल दुखाया हो, उसके लिए हम बारंबार क्षमा प्रार्थी हैं. ईश्वर आप जैसे सभ्य, सहनशील, समझदार एवं सुलझे-विचारों के मकान मालिक सभी को दें. – श्वेता वर्मा

घर में छाई थी खामोशी:

आपको बता दें, सोनगंगा कॉलोनी, बी-15 संजय चक्रवर्ती का मकान है. 2015 से इसमें सकुन वर्मा पति स्व हरीशचंद्र वर्मा 60वर्ष अपनी बेटी श्वेता 45 वर्ष व बेटे सचिन के साथ रहती थीं. पति एसईसीएल के रिटायर्ड कर्मचारी थे. डेढ़ साल पहले उनकी मौत हो चुकी है. सचिन बाहर रहता है. पति के पेंशन से घर का खर्च का खर्च चलता था. मकान के ऊपरी हिस्से का मरम्मत चल रहा है. शनिवार की सुबह 10.30 से सकुन का पालतू कुत्ता बाहर काफी समय से भौंक रहा था पर भीतर से कोई बाहर नहीं निकल रहा था।

कमरे में सकुन और श्वेता चित पड़ थे. सकुन के शरीर पर हलचल नहीं था. श्वेता की सांसे चल रही थी. दोनों को तत्काल सिम्स लाया गया. यहां डॉक्टरों ने सकुन को मृत घोषित कर दिया. श्वेता की हालत गंभीर होने के कारण भर्ती कर लिया गया. फिलहाल वह बातचीत करने की स्थिति में नहीं है।


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