सिम्स में वाहन पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। गाडिय़ां खड़ी करने को लेकर हर दिन सिक्योरिटी गार्ड और लोगों के बीच बहस हो रही है। शनिवार को तो दिनभर बहस और विवाद की स्थिति बनती रही। शुक्र है कि विवाद मारपीट में नहीं बदला। सिम्स में मरीजों सहित हर दिन दो हजार लोगों का आना-जाना है। इसके अतिरिक्त 600 कर्मचारी ड्यूटी पर आते हैं।
बड़ा सवाल है कि कि इतने सारे लोगों की गाडिय़ां कहां खड़ी होंगी? यह परेशानी पिछले कई सालों से है लेकिन इसका हल अभी तक नहीं निकल पाया। अब तो दिक्कत इसलिए बढ़ गई है कि पहले मेडिकल कॉलेज के कर्मचारी जहां गाडिय़ां पार्क करते थे, अब वहां कोरोना जांच करने के लिए लोगों के बैठने की व्यवस्था कर दी गई है। इसके अलावा जहां अभी कैंटीन बन रही है। वहां भी करीब 50 से ज्यादा गाडिय़ां खड़ी हो जाती थीं। लेकिन अब इन दोनों जगहों पर गाडिय़ां खड़ी करने पर रोक लगा दी है। जगह नहीं मिलने से परेशान लोग इधर-उधर गाडिय़ां पार्क कर देते हैं। जिसके कारण परेशानी होती है। कई बार तो गाडिय़ां चोरी होने की घटनाएं भी घट चुकी हैं।
लोग बोले-गार्डों का व्यवहार अच्छा नहीं
इधर शुक्रवार को शहर विधायक शैलेश पांडेय सिम्स पहुंचे तो उन्हें वहां अव्यवस्थित गाडिय़ां नजर आईं। इस दृश्य को देखकर विधायक नाराज हुए और उन्होंने वहां तैनात सिक्योरिटी गार्डों से कहा कि यहां टीन शेड का निर्माण इसलिए किया जा रहा है ताकि लोगा आसानी से बैठ सकें। लेकिन यहां तो गाडिय़ां पार्क हो रही हैं। नाराजगी जाहिर करते हुए विधायक लोगों की गाडिय़ां को व्यवस्थित खिड़की करवाने के लिए कहा था। इधर शनिवार को सिम्स पहुंचने वाले लोगों को गेट पर ही रोका जा रहा था। एंबुलेंस और इमरजेंसी केस वालों की गाडिय़ां अस्पताल के गेट तक जाने दी जा रही थी। गेट के पास गार्ड और लोगों के बीच कई बार बहस हुई, विवाद होने तक की स्थिति बन आई। गार्ड भी लोगों से सही तरीके से बात नहीं कर रहे थे।
तेज आवाज में लोगों से कह रहे थे कि विधायक का आदेश है कि गाडिय़ां आडिटोरियम के पास जाकर खड़ी की जाएं। कुछ लोगों ने ये तक कहा कि वहां भी जगह नहीं है तो गाडिय़ां कहां पार्क की की जाएं तो गार्डों का कहना था कि चाहे जहां जाकर करो, हमने ठेका थोड़ी न ले रखा है। लोगों के साथ गार्डों ने अच्छा व्यवहार नहीं किया।
पार्किंग की परेशानी है, जल्द व्यवस्था बनाएंगे
सिम्स के अधीक्षक डॉक्टर पुनीत भारद्वाज का कहना है कि पार्किंग बड़ी समस्या है। कर्मचारियों तक के लिए गाडिय़ां पार्क करने की जगह नहीं है। शुक्रवार को अव्यवस्थित खड़ी गाड़ियों को देखकर विधायक जी भी नाराज हुए। इसलिए शनिवार को थोड़ी शक्ति बरती गई। तो आखिर लोग गाडिय़ां कहां पार्क करेंगे? इस सवाल पर अधीक्षक ने कहा कि हम लोग विचार कर रहे हैं, जल्द कुछ न कुछ व्यवस्था बनाई जाएगी।