
किसी व्यक्ति को पहले कोरोना हुआ और सरकारी अस्पताल में मुफ्त इलाज हुआ, लेकिन अगर उसे दोबारा भी संक्रमण हो गया तो ऐसे हर व्यक्ति का इलाज दूसरी बार भी सरकारी अस्पताल में मुफ्त ही किया जाएगा। दरअसल यह अफवाहें हैं कि दूसरी बार कोरोना होने पर लोगों को अपने खर्च पर अस्पताल या कोविड सेंटर में इलाज करवाना होगा। लेकिन प्रशासन ने रविवार को एक आदेश जारी कर स्थिति साफ कर दी है। ऐसे लोगों की सुविधा के लिए स्वास्थ्य विभाग सोमवार से ही ई-स्मार्ट कार्ड बनवाना शुरू कर रहा है। जिन्हें दोबारा कोरोना हुआ, उन्हें किस तरह पहचाना जाए, यह जानने के लिए डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना और आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत नए ई-कार्ड बनाए जाएंगे। इसके लिए निगम के के सभी 10 जोन दफ्तरों में शिविर लगेंगे। दोबारा संक्रमित होने वाले सभी लोग ई-कार्ड के जरिए कोविड सेंटरों में निर्धारित पैकेज पर आसानी से बेहतर इलाज फ्री में करवा सकते हैं। सीएमएचओ डॉ. मीरा बघेल ने बताया कि कोरोना प्रोटोकॉल के तहत ही यह काम किया जा रहा है। अभी रायपुर में ही 16000 कोरोना मरीजों का फ्री इलाज हो चुका है।
इसमें से करीब पांच सौ लोग दोबारा संक्रमित हुए हैं, लेकिन यह चर्चा फैली है कि दोबारा कोरोना होने पर इलाज मुफ्त नहीं होगा। इसे स्पष्ट करने के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग ऐसे सभी लोगों से संपर्क कर रहा है, जो पहले भी कोरोना का इलाज करवा चुके हैं। उन्हें फोन और एसएमएस कर ई-कार्ड बनाने के लिए कहा जा रहा है, ताकि दोबारा संक्रमित होने पर इस कार्ड के जरिए फ्री इलाज करवाया जा सके। तहसीलों में भी बनेंगे : राजधानी रायपुर के अलावा ई-स्मार्ट कार्ड सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आरंग, अभनपुर, तिल्दा, धरसींवा, भनपुरी और नवापारा में भी बनेंगे। राजधानी में लोग पुराना नर्सिंग हॉस्टल के रूम नंबर 25 में भी ई-कार्ड बनवा सकते हैं। इसके लिए कर्मचारी तैनात कर दिए गए हैं।
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