किसान विरोधी बिल और दलित बेटियों के साथ हुए दुष्कर्म के खिलाफ बहुजन समाज पार्टी का फूटा गुस्सा... राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन...

किसान विरोधी बिल और दलित बेटियों के साथ हुए दुष्कर्म के खिलाफ बहुजन समाज पार्टी का फूटा गुस्सा... राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन...

@मनोज कुशवाहा // सूरजपुर।। 
किसानों से जुडे अध्यादेश जिनमें आवश्यक वस्तु संसोधन अधिनियम (भण्डारण नियम 2020),  मूल्य आश्वासन पर बंदोबस्त और सुरक्षा समझौता (अनुबंध कृषि) एवं कृषि उत्पादन, व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) शामिल हैं, इन अध्यादेशों को किसानों की सभी शंकाओ को दुर किये बिना ही पास कर दिया गया है इसके विरोध में बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं में असहमती जताते हुए कहा की पूरे देश का किसान क्या चाहता है, इस ओर केन्द्र सरकार नें ध्यान दिये बिना ही और देश के उच्च सदन राज्यसभा में विपक्ष द्वारा मत विभाजन की मांग को दर किनार करते हुए, बिना बहुमत के पास किये हैं जो महामहिम राष्ट्रपति महोदय के हस्ताक्षर पश्चात कानून बन गये हैं।

इन तीन कानूनों का पूरे देश के किसानों के द्वारा विरोध हो रहा है। किसानों का यह मानना है कि इस कानून के द्वारा किसानो को भी बड़े कारपोरेट घरानों का गुलाम बनाने का काम किया है, जिस तरह देश के सभी सरकारी सेक्टरों को निजी हाथों में बेचने का काम किया गया, उसी तरह देश के कृषि अर्थव्यवस्था का भी निजीकरण करने का पूजीवादी षडयंत्र किया गया है। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीया बहन कु. मायावती जी के दिशा-निर्देश पर लोकसभा व राज्यसभा में बसपा के सांसदों ने भी इस किसान विरोधी बिल का विरोध किया है साथ ही उत्तरप्रदेश के हाथरस एवं बलरामपुर में हुए दलित उत्पीडन मामलेे में भी अपना विरोध प्रदर्शन किया और अपराधियों को सजा दिलाया जाने की मांग की। 
बहुजन समाज पार्टी छत्तीसगढ़ इकाई की ओर से महामहिम राष्ट्रपति महोदय जी से यह विनम्र निवेदन किया गया है कि किसानों व देश के हित में इन नये कृषि कानून को तत्काल वापिस लेने की कृपा करें साथ ही हाथरस और बलरामपूर गैंगरेप पीडिता को न्याय दिलाने की कृपा करें।
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