@छत्तीसगढ़//संतोष सिंह सूर्यवंशी)🌾 1. कृषि और ग्रामीण विकास
छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है।
किसानों के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, और न्यूनतम समर्थन मूल्य जैसी योजनाओं ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती दी।
अब किसान सिर्फ धान पर नहीं, बल्कि मछली, दुग्ध, और वर्मी कम्पोस्ट से भी आय कमा रहे हैं।
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⚙️ 2. औद्योगिक और खनिज विकास
लौह, कोयला, बॉक्साइट जैसे खनिजों में छत्तीसगढ़ अग्रणी है।
भिलाई स्टील प्लांट से लेकर कोरबा की पावर हब तक — राज्य देश की ऊर्जा जरूरतों का बड़ा हिस्सा पूरा करता है।
परंतु उद्योगों के साथ पर्यावरण और विस्थापन के सवाल भी उतने ही अहम बने रहे हैं।
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🏫 3. शिक्षा और स्वास्थ्य
पहले जहां गाँवों में स्कूल और अस्पताल कम थे, वहीं अब आदर्श स्कूल, डायल 112 एम्बुलेंस, और मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना जैसे प्रयासों ने बदलाव लाया है।
फिर भी आदिवासी अंचलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत बनी हुई है।
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🏙️ 4. बुनियादी ढांचा और नगरीकरण
सड़क, बिजली, इंटरनेट और शहरों का विस्तार — सबमें तेज़ी आई है।
रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग जैसे शहर अब स्मार्ट सिटी मिशन के तहत विकसित हो रहे हैं।
लेकिन ग्रामीण इलाकों में कनेक्टिविटी अभी भी चुनौती है।
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🎭 5. संस्कृति, पहचान और राजनीति
छत्तीसगढ़ की बोली, गीत, नृत्य, और त्यौहारों को अब राष्ट्रीय पहचान मिली है।
राज्य की राजनीति ने भी अपनी अलग दिशा बनाई — जहाँ स्थानीय मुद्दे राष्ट्रीय विमर्श का हिस्सा बने।
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🔔 6. सामाजिक और मानवीय विकास
महिलाओं की भागीदारी, स्व-सहायता समूहों, और पंचायतों में सक्रियता ने सामाजिक ताने-बाने
को मजबूत किया।
आदिवासी इलाकों में आत्मनिर्भरता की सोच पनपी है।
✨ निष्कर्ष
> छत्तीसगढ़ 25 साल में “संभावनाओं से उपलब्धियों” की यात्रा तय कर चुका है।
लेकिन असली विकास तब पूरा होगा जब हर गाँव, हर वर्ग, हर व्यक्ति को इसका समान लाभ मिले
गा।


