@हिमाचल प्रदेश
दूसरे दिन शनिवार को भी मुख्यमंत्री पद के लिए लॉबिंग जारी रही। सुबह से ही कांग्रेस विधायक शिमला के सेसिल होटल में कतारबद्ध नजर आए, जहां पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक ठहरे हुए थे।
हिमाचल में सीएम पद को लेकर लॉबिंग में जुटे नेता, सस्पेंस बरकरार, आलाकमान के सामने भी कई चुनौतियां
Krishna Singhलाइव हिंदुस्तान,शिमला
Sat, 10 Dec 2022 03:09 PM
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हिमाचल प्रदेश की बागडोर किसके हाथ में होगी, इसको लेकर सियासी सरगर्मी बरकरार है। इस मसले पर शुक्रवार को नवनिर्वाचित कांग्रेस विधायकों की बैठक हुई जिसमें सर्वसम्मति से एक लाइन का प्रस्ताव पारित किया गया। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक दूसरे दिन शनिवार को भी मुख्यमंत्री पद के लिए लॉबिंग जारी रही। सुबह से ही कांग्रेस विधायक शिमला के सेसिल होटल में कतारबद्ध नजर आए, जहां पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक (छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा) ठहरे हुए थे।
सूबे में अब सीएम चुनने की जिम्मेदारी पार्टी आलाकमान पर है। ऐसे कांग्रेस आलाकमान के लिए सीएम पद पर उस नेता को चुनने की चुनौती है, जो सूबे में पार्टी को एकजुट करके सूबे को मजबूत नेतृत्व प्रदान करे। कांग्रेस के सामने सूबे में छह बार के मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह की मृत्यु के कारण पैदा हुए शून्य को भरने की भी बड़ी चुनौती है। पार्टी आलाकमान नहीं चाहेगा कि हिमाचल भी पंजाब और राजस्थान की राह पर जाए। दोनों ही राज्यों में अब तक अंदरूनी गुटबाजी खत्म नहीं हुई है। पंजाब का हश्र तो देखा जा चुका है। राजस्थान में भी अंदरूनी खींचतान समय समय पर नजर आ ही जाती है। छत्तीसगढ़ में भी भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव के बीच मतभेद देखे जा चुके हैं।
@सोर्स - सोसल मीडिया