‘मुझे घर या किसी निजी अस्पताल में ले चलो।
‘मुझे घर या किसी निजी अस्पताल में ले चलो। ये लोग मुझे मार डालेंगे। बार-बार टांके लगा रहे हैं। मैं चीखती रहती हूं कोई सुनता नहीं है। नर्सों से कुछ कहो तो डांट देती हैं। जिंदगी होगी तो मैं घर पर ही ठीक हो जाऊंगी।’ एसएन मेडिकल कालेज में भर्ती रंभा यह पीड़ा अपने पति रवि पटेल को बता रही है। यहां रसौली का आपरेशन कराने के बाद उसकी स्थिति लगातार बिगड़ रही है। ताजगंज निवासी रवि ने बताया कि उसकी पत्नी रंभा को रसौली हो गई थी। चिकित्सकों की सलाह के बाद उसे 14 अक्तूबर को स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग (एमसीएच) में भर्ती कराया था। यहां चिकित्सकों ने उसका आपरेशन किया है। अब उसकी पत्नी परेशान है, यहां कोई बात सुनने वाला भी नहीं है।
ठीक न होने पर भी किया था डिस्चार्ज
परिजनों के अनुसार डाक्टरों ने 20 अक्तूबर को आपरेशन कर दिया। त्योहार के चलते उसे अस्पताल से छोटी दिवाली को डिस्चार्ज कर दिया। आरोप है कि नर्सों ने भी घर जाने के लिए दबाव बनाया जबकि वह पूरी तरह ठीक नहीं थी। तीन दिन में ही रंभा की तबीयत खराब होने लगी। उसे जोर से खांसी शुरू हो गई। टांकों में पस पड़ गया और वे खुलना शुरू हो गए। परिजन ने उसे दोबारा 27 अक्तूबर को एनएन मेडिकल कालेज में भर्ती करा दिया। इसके बाद डॉक्टरों ने उसके टांकों को पूरी तरह खोल दिया।
एसएनएमसी प्राचार्य डा. प्रशांत गुप्ता का कहना है कि आरोप गलत हैं। दरअसल दिवाली से पहले महिला को भारी रक्तस्राव था। आपरेशन कर टांके लगाए गए थे। मरीज खुद रजिस्टर पर लामा लिखकर गया था। छुट्टी के बाद इन्होंने निजी अस्पताल में टांके कटवाए। वहां संक्रमण हो गया। अब मरीज पेशाब की नली निकालने की कह रही है जो हम अभी नहीं कर सकते।
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