Court - हिंदू युवती की रजामंदी से की थी शादी, यह साबित करने में मुस्लिम युवक को लग गए 27 साल

Court - हिंदू युवती की रजामंदी से की थी शादी, यह साबित करने में मुस्लिम युवक को लग गए 27 साल


@मध्य प्रदेश 

मध्य प्रदेश के भोपाल में एक दिलचस्प वाकया सामने आया है। एक अंतरधार्मिक जोड़े ने यह साबित करने के लिए 27 साल तक लंबी लड़ाई लड़ी कि उन्होंने अपनी मर्जी से शादी की। युवक ने लड़की का अपहरण नहीं किया, ना तो उस पर शादी के लिए दबाव बनाया। युवती के पिता ने बेटी की गुमशुदगी की रिपार्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन की थी। पुलिस का कहना था कि आरोपी ने शादी करने के लिए युवती पर दबाव डाला। बाद में पुलिस ने युवती को आरोपी के घर से छुड़ाया था। 


इस कहानी के तीन किरदार हैं मुस्लिम युवक, हिंदू युवती और युवती का परिवार... नायब खान जो घटना के वक्त 23 वर्ष का था, उसकी मेधा गौतम नाम की 18 वर्षीय युवती से नजदीकी हो गई। जून 1995 में दोनों पन्ना से यूपी के कानपुर भाग गए। दोनों ने शादी कर ली और पन्ना लौट आए। लेकिन मेधा के पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि उसकी बेटी घर नहीं लौटी है। जांच के बाद, पुलिस ने दावा किया कि घटना की रात आरोपी नायब खान युवती से मेधा गौतम के आंगन में मिला और उसे कानपुर ले गया। 


पुलिस का कहना था कि नायब खान ने शादी के लिए मेधा पर दबाव बनाया। दोनों करीब एक महीने तक कानपुर में रहे। बाद में पुलिस ने मेधा को नायब के घर से छुड़ाया। मामला कोर्ट पहुंचा। मेधा के पिता ने अदालत में कहा कि उसकी बेटी नाबालिग है। अपने इस दावे को साबित करने के लिए उसने मार्कशीट भी पेश की। पन्ना जिला अदालत ने 1998 में नायब को 16 साल की एक लड़की के अपहरण के लिए दोषी करार दिया। नायब खान को धारा 363 (अपहरण) के तहत दो साल कठोर कारावास की सजा सुनाई गई।



@सोर्स - सोसल मीडिया 

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