इसके साथ ही नौसेना के जवान इस ड्रोन के माध्यम से 25 से 30 किमी. तक का सफर 30 मिनट में पूरा कर सकेंगे. इस बारे में भारतीय नौसेना ने अपने बयान में बताया कि इस ड्रोन को पुणे में स्थित भारतीय स्टार्टअप सागर डिफेंस इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड द्वारा विकसित किया गया है. इसे जल्द ही नौसेना में शामिल किया जाएगा।
कंपनी के को-फाउंडर बब्बर का कहना है कि ड्रोन हवा में तकनीकी खराबी के बाद भी लोगों को सुरक्षित लैंडिंग करने में सक्षम है. इसमें एक पैराशूट की भी सुविधा दी गई है, जो इमरजेंसी या खराबी के दौरान अपने आप ही खुल जाता है, इससे सुरक्षित लैंड हो जाएगा. इसके साथ ही वरुण का इस्तेमाल एयर एंबुलेंस और दूर के इलाकों में सामान के ट्रांसपोर्ट के लिए भी आसानी से किया जा सकता है।
बता दें कि ड्रोन का प्रदर्शन जुलाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने किया गया था, यहां उनके साथ केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे. नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सोशल मीडिया अकाउंट पर इसका वीडियो भी शेयर किया गया था।
सोर्स : इंटरनेट वेबसाइट।