@मंडला
न्यायालय के स्थगन आदेश के बाद भी तीन दिनों से अवैध निर्माण कार्य जारी रहा लेकिन बम्हनी पुलिस नहीं की फरियादी की मदद फरियादी लगातार तीन दिनों से बम्हनी थाने के चक्कर काटता रहा पुलिस अपनी गणित बता कर करती रही है टालमटोल जबाबदारों को न्यायालय के स्थगन आदेश की जानकारी होते हुए भी पालन नहीं कराया गया विवाद में वैसे भी अवमानना का मामला पहले से सिविल न्यायालय में विचाधीन है जिस पर निर्णय आना शेष है फिर भी सभी का खुला सहयोग मिलने से पुनः दोबारा विगत तीन-चार दिनों से द्रुत गति से निर्माण कार्य जारी कर लेंटर भी डाल दिया गया फरियादी को न पुलिस से कोई मदद मिली न नगर परिषद से और सबके गठजोड़ से छुट्टी का लाभ लेते हुए पक्षकार ने अपना का कार्य पूरा कर लिया सवाल न्यायालय के आदेश और शांति व्यवस्था का था तो बम्हनी पुलिस फरियादी की मदद कर सकती थी लेकिन पुलिस कन्नी काटती नजर आयी और उल्टा फरियादी को ही बम्हनी पुलिस 122 के तहत फंसाने की धमकी दे डाली किस वजह से फरियादी की गुहार को नजरअंदाज किया जाता रहा पता नहीं पर सब कुछ संदेह के घेरे में है आखिर फरियादी को कहां से मदद मिल सकती थी या फिर उसे खुद वाद विवाद कर अवैध निर्माण को रोकना था यदि रोकने का प्रयास होता तो शांति भंग होने का पूरा अंदेशा था लेकिन फरियादी ने न्याय और न्यायालय पर भरोसा रखा और यह सब से दूरी बनाकर धैर्यता दिखाया अब आगे जो होगा न्यायालय से ही होगा कोर्ट के आदेश की अवमानना के लिए कौन कौन जबाबदार हो सकते हैं यह कोर्ट तय करेगा यदि सहयोगी मिल जाएं तो बड़े से बड़ा काम हो जाता है।
बम्हनी निवासी अशोक हरदहा व पड़ोसी अरुण सिंगौर को मकान निर्माण को लेकर लम्बे समय से विवाद चल रहा है जो सिविल कोर्ट मंडला में विचाराधीन है मामले में वादी व्दारा पड़ोसी अरुण सिंगौर एवं नगर परिषद बम्हनी को पक्षकार बनाया गया में जिस पर माननीय न्यायालय ने 14/6/2018 को अरुण सिंगौर के मकान निर्माण पर रोक लगाने का स्थगन आदेश दिया है।