प्रदर्शनआदिवासी महिलाओं ने शुक्रवार को बड़ा फैसला लेते हुए साड़ी को पेड़ से बांधते हुए उसका फंदा बनाकर अपने गले में लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया.
आदिवासी महिलाओं का आरोप है कि वी मुडुगुला मंडल के रेवेन्यू अधिकारी ने उनकी इजाजत के बगैर काजू के बगीचे को बंजर खाली जमीन बताकर ग्रेनाइट माइनिंग कंपनियों को लीज पर दे दी है.
आंध्र प्रदेश के अनकापल्ली जिले में पहले विशाखापत्तनम जिला था.. शुक्रवार को अपनी जमीन को बचाने के लिए आदिवासी महिलाओं ने गले में फांसी का फंदा लगाकर विरोध प्रदर्शन किया. बताया जा रहा है कि आदिवासी लोग दशकों से वी मुडुगुला मंडल के उर्वाकोंडा इलाके में चट्टानों से भरी बंजर जमीन को खेती के लायक बनाकर उसमें काजू के पेड़ लगाकर उसकी कमाई से अपना गुजारा करते आ रहे थे. मगर उनका आरोप है कि उनको बिना बताए ही उनकी इजाजत के बगैर उनके काजू के बगीचों को ग्रेनाइट खनन के लिए कंपनियों को लीज पर दे दिए गए. साथ ही उन्हें उनके बगीचों का मुआवजा भी नहीं चुकाया गया, जिससे अब उनका गुजारा मुश्किल हो गया है.
आदिवासी महिलाओं का आरोप है कि वी मुडुगुला मंडल के रेवेन्यू अधिकारी ने उनकी इजाजत के बगैर काजू के बगीचे को बंजर खाली जमीन बताकर ग्रेनाइट माइनिंग कंपनियों को लीज पर दे दी है. साथ ही उनका कहना है कि रेवेन्यू अधिकारी के अनुसार माइनिंग कंपनियों ने आदिवासियों को 45 लाख रुपए मुवावजा दिया है, जबकि उनको कोई रुपए नहीं दिए गए हैं.