स्वास्थ्य विभाग में नियमित कर्मचारियों का सबसे बड़ा संगठन जो की विभाग की रीढ़ माने जाते है और जिनसे ही समस्त राष्ट्रीय कार्यक्रम का दारोमदार होता है 21 मार्च से अनिश्चित कालीन में जाने पर मजबूर है ।
कोविड के पूर्व माननीय मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ने मीडिया में जिस तरह से आकर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को अतिरिक्त भत्ता और वेतन वृद्धि की बात कही गई थी उस पर विभाग ने कोई प्रक्रिया तक शुरू नहीं किया बल्कि स्वास्थ्य विभाग में कर्मचारियों को जबरन प्रेसर देकर उच्च अधिकारियों द्वारा अतिरिक्त कार्य लिया गया । । इन सबसे कर्मचारियों में रोष तो है ही लेकिन स्वास्थ्य कर्मचारियों के वेतन विसंगति के लिए भी कांग्रेस पार्टी के घोषणा पत्र के अनुरूप अब तक पहल नहीं दिखाई है ।
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष श्री टारजन गुप्ता श्रीमती सरोज बाघमार उपाध्यक्ष श्री हरीश जायसवाल महामंत्री श्री आर के अवस्थी सचिव श्री प्रवीण स्वतंत्र प्रभार श्रीमती के रिजवी एवम् श्री मिर्जा कासिम ने प्रांत और समस्त जिले के जिलाध्यक्ष की बैठक लेकर आगे की रणनीति बनाई है जिसमे पुरे जिले ने आंदोलन करने पर अपनी सहमति जताई ।
इस तरह प्रदेश आईटी सेल प्रभारी श्री सुरेश पटेल एवम् सह प्रभारी श्री संत साहू और श्री अशोक नाग ने बताया कि पूरे प्रदेश में कोविड का वैक्सिनेशन शिशु संरक्षण बच्चों का और गर्भवती महिलाओ का टीकाकरण एवम् जांच समस्त ग्रामीण अंचल की स्वास्थ्य व्यवस्था आंदोलन में जाने से प्रभावित होगी और प्रदेश के 5000 से अधिक उपस्वाथ्य केंद्र बंद 550 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 150 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र होंगे प्रभावित प्रदेश के सम्मत स्वास्थ्य कर्मी आंदोलन में शामिल होंगे । ।