कुत्तों के हमले की सूचना पर वह बकरियों को बचाने के लिए ग्रामीणों से अलग हुई और बाद में वापस नहीं लौटी। इस बीच, उसका रेप कर हत्या कर दी गई। जब देर शाम तक वह घर नहीं लौटी तो उसकी तलाश की गई और उसका शव पहाड़ी पर झाड़ियों के बीच मिला।
पुलिस ने जब इस घटना के बारे में ग्रामीणों से पड़ताल की तो पता चला कि मासूम बालिका बकरियों को चराने के लिए 5-6 ग्रामीणों के साथ गई थी। दिनभर बकरियां चराई और शाम को वह अपने साथियों के साथ साथ बैठी थी। करीब 5 बजे एक सात से आठ साल के बच्चे ने बताया कि उसकी बकरियों को कुत्ता खा रहा है। इस पर वह बकरियों को बचाने के लिए ऊपर पहाड़ी की तरफ चली गई, जहां बकरियां चर रही थीं।
ग्रामीणों ने बताया कि शाम हो रही थी और जब बालिका वापस नहीं लौटी तो कुछ देर तो इंतजार किया, लेकिन इसी बीच अन्य ग्रामीणों ने सोचा कि वह बकरियां लेकर घर आएगी, इसके बाद अन्य लोग घर लौट गए। जब वह शाम को नहीं लौटी तो उसको तलाश किया गया। इस दौरान उसके चप्पल और कुल्हाड़ी के बाद शव मिल गया।
मासूम 7वीं कक्षा में थी मृतका कक्षा 7 में पढ़ती थी। लॉकडाउन के कारण अभी स्कूल नहीं जा रही थी। ऐसे में उसे अन्य बच्चों के साथ बकरियां चराने के लिए भेजा जाता था। उस के 4 बड़ी बहन व एक बड़ा भाई व एक छोटी बहन है।
बेलदारी कर गुजर बसर करते पिता :
ग्रामीणों ने बताया कि मृतका के पिता बेलदारी का काम करते हैं और मां बकरियां चराने के साथ घर का काम करती है। दिहाड़ी के रूप में मिलने वाली मजदूरी से ही उनका घर चलता है। परिवार बड़ा है। परिवार में 6 बहनें और एक भाई है। बहनों में वह 5वें नंबर पर थी। हादसे के बाद से पूरा परिवार टूट गया है।

आरोपी ने नशे में दिया घटना को अंजाम :
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने मौका मुआयना कर कुछ संदिग्धों को पकड़ था। आऱोपी सुंदर उर्फ सुरेंद्र उर्फ संतू भी इनमें ही शामिल था। जिसके ग्रामीणों ने पहाड़ी के आसपास देखा था। सख्ती से पूछताछ करने और दबाव बनाने के बाद उसने अपना जुर्म कबूल लिया। आरोपी ने बताया कि वो शराब के नशे में पहाड़ी पर बैठा था।
इस दौरान मासूम को देखकर उसकी नियत बिगड़ गई। उसने मासूम के साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद पीड़िता ने लोगों से उसकी शिकायत करने की बात कही तो पत्थर से सिर कुचल दिया।