मातृत्व दिवस पर ऑनलाइन(Online)परिचर्चा... पढ़िए खबर में विस्तार से क्या-क्या चर्चा किए...-

मातृत्व दिवस पर ऑनलाइन(Online)परिचर्चा... पढ़िए खबर में विस्तार से क्या-क्या चर्चा किए...-

PIYUSH SAHU (BALOD)
@रायपुर//पीयूष कुमार साहू।।
सक्षम छत्तीसगढ़ प्रांत कोपल वाणी हर संभव फाउंडेशन छत्तीसगढ़ महिला मंच के संयुक्त तत्वावधान में मातृत्व दिवस पर 10 मई को आभासी परिचर्चा कार्यक्रम आयोजित की गई। ओमकार मंत्र के उच्चारण के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। कार्यक्रम का संचालन छत्तीसगढ़ महिला मंच की डायरेक्टर श्रीमती शताब्दी पांडे ने किया। सक्षम की प्रांत महिला प्रमुख श्रीमती इंदिरा जैन ने उपस्थित अतिथियों एवम प्रतिभागियों का स्वागत किया। सक्षम संस्था की लोक कला संस्कृति गायिका प्रान्त प्रमुख  लक्ष्मीकरियारे ने छत्तीसगढ़ी गीत अरपा पैरी के धार.... प्रस्तुत किया। परिचर्चा की प्रथम वक्ता स्त्री रोग विशेषज्ञ, रिटायर्ड उपसंचालक स्वास्थ विभाग डॉ शीला गोयल ने मातृत्व दिवस की महत्ता बताते हुए इस दिवस की शुरुआत कैसे हुई बताया। आपने कहा भारतीय संस्कृति सृजन एवं संवेदना की संस्कृति है इसका मूर्त रूप है नारी। मां नारी का पूजनीय एवं वंदनीय रूप है। मां जिसका पूरा अस्तित्व सृजन एवं संवेदना के स्पंदनों से बना है। मां एक छोटा सा शब्द नहीं संपूर्ण ग्रंथ है।
परिचर्चा की दूसरी वक्ता सहायक प्राध्यापक एवं साहित्यकार डॉ मीताअग्रवाल ने मातृत्व दिवस की महत्ता पर अपने विचार रखते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में
प्रत्येक दिवस मातृत्व दिवस होता है क्योंकि हम एक दिन नहीं हर पल मां की वंदना करते हैं, उन्होंने स्वरचित कविता प्रस्तुत की मां तुम शब्दातीत है।
माँ गंगा जैसी पावन है,
माँ मलयगिरि का संदल वन 
माँ माथे की अक्षत  रोली
माँ की साँसो पतला जीवन।
माँ  शब्दातीत है।
। जिस्की सभी ने बहुत सराहना की। परिचर्चा का अगला विषय था *माँ ही संस्कार से घर को स्वर्ग सा सुंदर बनाती है। इस विषय परअभिलाषा मानसिक विकास केंद्र की डायरेक्टर अनुराधा दुबे ने अपना वक्तव्य रखते हुए कहा कि मां के द्वारा बच्चों को दिए गए संस्कार ही उसके जीवन में परिलक्षित होते हैं ।आज की युवा पीढ़ी को स्नेह और अपनेपन की जरूरत है ।उन्होंने उदाहरण रखते हुए एक घटना बताई  एक कार्यक्रम संपन्न होने के पश्चात वह अपनी कार का  इंतजार करते हुए खड़ी थी। इतनी देर में उन्होंने देखा कि एक बुजुर्ग महिला को रास्ता पार करने में कुछ परेशानी हो रही है, उनके साथ आई महिला जो शायद उनकी बहु थी अपनी बेटियों के साथ पहले ही कार में जाकर बैठ गयी। लेकिन इस बूढ़ी महिला को परेशान देख पास खड़ा एक नवयुवक तुरंत आया और ससम्मान उन्हें गाड़ी में बैठा आया। श्रीमती अनुराधा दुबे जी ने इस दृष्टांत में बताया कि इस नौजवान को उसकी मां ने बुजुर्गों के सम्मान और समाज में बंधुत्व भाव का संस्कार अवश्य दिया हो होगा। स्वस्थ माँ,स्वस्थ शिशु इस विषय पर डॉ शालिनी जैन अग्रवाल ने अपने विचार रखते हुए बताया की शिशु के स्वस्थ होने में गर्भावस्था के दौरान की गई देखभाल का बहुत बड़ा महत्व है, उन्होंने कहा कि गर्भवती मां को स्वस्थ व प्रसन्न रखने में परिवार के अन्य सदस्यों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। गर्भावस्था में उचित मानसिक शारीरिक देखभाल ना होने की वजह से शिशु के विकास पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ता है। शुरुआत के 3 माह अत्यधिक ध्यान देने के होते हैं जबकि अधिकतर परिवारों में गर्भावस्था के दौरान शुरुआत के तीन चार माह गर्भवती मां की ओर ध्यान ही नहीं दिया जाता, या यूं कहें कि स्वयं गर्भवती स्त्री भी अपनी ओर ध्यान नहीं देती है। अतः समाज में इस विषय पर जागरूकता लाने की आवश्यकता है। कार्यक्रम की अगली वक्ता शासकीय दूधाधारी बजरंग महिला महाविद्यालय की सहायक प्राध्यापक डॉ कल्पना मिश्रा ने शिक्षा ही जीवन का आधार, माँ ही बालक में समाज और राष्ट्रवाद का निर्माण कर सकती है विषय पर  आधारित वक्तव्य रखते हुए कहा कि बालक को राष्ट्रवाद के संस्कार माँ ही देती है उन्होंने स्वामी विवेकानंद की माता भुवनेश्वरी देवी और शिवाजी की माता जीजामाता के आदर्श को सभी के समक्ष प्रस्तुत किया।बिलासपुर शासकीय उच्चतर विद्यालय की व्याख्याता डॉ रश्मि द्विवेदी ने शिक्षा ही जीवन का आधार है। विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमें ऐसी शिक्षा के माध्यम से ऐसी पीढ़ी तैयार करना है जो शारीरिक मानसिक बौद्धिक रूप से राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत हो उन्होंने नई शिक्षा नीति के स्वरूप पर भी प्रकाश डाला धन्यवाद ज्ञापन सक्षम की प्रान्त उपाध्यक्ष  श्रीमती पदमा ठाकुर ने किया समापन मंत्र हरसम्भव फाउंडेशन की अध्यक्ष पुष्प लता त्रिपाठी ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में सक्षम प्रान्त संगठन मंत्री राम राजवाड़े ,प्रान्त सचिव अनूप पांडेय जी एवम अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से रायपुर बिलासपुर जांजगीर चांपा शिवरीनारायण अंबिकापुर जगदलपुर नवापारा बैकुंठपुर राजनांदगांव बलोदा बाजार कांकेर दुर्ग सूरजपुरके प्रतिनिधियों ने भाग लिया।मातृत्व दिवस पर आयोजित इस ऑनलाइन परिचर्चा में कुल 85 लोगों ने भागीदारी निभाई।मातृत्व दिवस के कार्यक्रम में  - 85 लोगों  ने  2  घंटे तक आनलाईन उपस्थित रहे। जिसमें - 1. रायपुर महानगर राजधानी से- शताब्दी पाण्डे, प्राजक्ता देशमुख, नीता डूमरे, , लीना मोहन एंटी, अंजली देशपांडे,डाँ रंजनी पाण्डेय, गीता अर्चना वोरा, आभा वर्मा, आरती उपाध्याय, सुनीता मोदी, तृप्ति मिश्रा,गीता साहू, संगीता चौबे, सुषमा  तिवारी, प्रिति मिश्रा, डाँ जे. के. गोयल,जामुनी सिंह, रेखा काले,। 2.  बिलासपुर- शेफाली घोष, अनिता अग्रवाल, अंजलि चावडा़, रेखा गांगुली, 3. छत्तीसगढ़ी लोकगीत गायिका - लक्ष्मी करियारे, 4. शिवरीनारायण - संतोष सोनी, 5. बलौदाबाजार- लोकनाथ सेन, 6. अंबिकापुर- अनिता अग्रवाल, सुरेंद्र साहू, 7. सूरजपुर- पिन्टू राम, मोहन अंटी, 8. बैंकुठपुर -  ज्योति पाण्डेय,   9.नवापारा -  निकिता साहू, दिप्ती यादव,  रंजनी साहू, 10.  दुर्ग - भास्कर राव, 11. राजनांदगांव- गीता विश्वकर्मा,  सुनिल पाठक, 12. कांकेर- रितु शुक्ला, शैलेन्द्री, निर्मला, 13. जगदलपुर- प्राची  गर्ग,।।  हरसम्भव फाउंडेशन, कोपलवाणी, और छत्तीसगढ़ महिला मंच के पदाधिकारी सदस्यगण आदि की भागीदारी रही।यह जानकारी छत्तीसगढ़ शबरी सेवा संस्थान लखनपुर जिला सरगुजा छग के सचिव सुरेन्द्र साहू ने दिया है।
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