छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस के संक्रमण का पहला मामला लगभग 15 महीने पहले 18 मार्च 2020 को सामने आया था। लेकिन एक दिन पहले बीते अप्रैल में कोरोना ने जितना कहर बरपाया है, उतना उसके पहले के 12 महीनों में नहीं बरण था। अप्रैल में करीना के संक्रमण और उसकी वजह से होने वाली मौतों के कई दिलदहला देने वाले सामने आए राज्य में पहली बार एक दिन में मिलने वाले नए केस का आंकड़ा 10 हजार के पार पहुंचा पहली बार मौतों की संख्या तीन अंकों में गिननी पढ़ी
अप्रैल में पॉजिटिविटी की दर यानी जांच कराने वालों में संक्रमित मिलने वालों का औसत 52 तक पहुंच गया था। जोन कराने वाला हर तीसरा
व्यक्ति संक्रमित मिल रहा था। रिकवरी रेट (ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 74 तक गिर गई थी, जबकि अप्रैल की शुरुआत में यह 90 फीसदी तक था।
इस स्थिति में सुधार आया है, लेकिन मृत्यु दर अभी राष्ट्रीय स्तर 1.12 से अधिक है। यह है कि पिछले करीब 10 दिनों से रोज दो सौ से ज्यादा मौतें हो रही है। स्वास्थ्य विभाग ने अपनी रिपोर्ट में एक दिन में सर्वाधिक 279 तक मौत दर्ज कर चुका है। हालांकि इसमें से 60 पुराने थे, बाकी 219 एक ही दिन में मरने वालों के थे।
कर्मचारियों की तरह पेंशनरों को भी चिकित्सा प्रतिपूर्ति की सुविधा दी जाए :
प्रदेश के ज्यादातर जिलों में बीते तीन सप्ताह से लाकडाउन है। इसका असर पिछले चार-पांच दिनों से दिख रहा है। राज्य स्तर पर पाजिटिविटी की दर लगातार गिर रही है। शुक्रवार को करीब 25 फीसद रही। इसी तरह ठीक होने वाले मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। इसकी वजह से रिकवरी रेट 82 फीसद तक पहुंच गया है।
अभी सावधानी और सतर्कता जरूरी :
राज्य में अप्रैल के दूसरे सप्ताह से कोरोना की दूसरी लहर में जोर पकड़ना शुरू किया था, लेकिन महीना खत्म होने के साथ इसका असर भी कम होने लगा है। राज्य स्तर पर भले ही आकड़े ठीक दिख रहे हैं, लेकिन अभी भी करीब आधा दर्जन से ज्यादा जिलों में हानिक बनी हुई है। मृत्यु दर भी बढ़ी हुई है। ऐसे में सभी लोगों को कोरोना की गाइड लाइन का पालन करते हुए पहले से ज्यादा समित सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है।