Chhattisgarh : ऑनलाइन सत्संग में श्रद्धालुओं नें जाना रामायण के श्लोकों का महत्व...

Chhattisgarh : ऑनलाइन सत्संग में श्रद्धालुओं नें जाना रामायण के श्लोकों का महत्व...

@बालोद//पीयूष साहू।।
संत राम बालक दास जी के द्वारा ऑनलाइन सत्संग का आयोजन प्रति दिन की भांति आज भी विभिन्न वाट्सएप ग्रुपों में एक साथ प्रातः 10:00 बजे किया गया जिसमें सभी भक्तगण जुड़कर अपनी जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त किये सत्संग परिचर्चा में कलपसिंह जी ने तुलसी कल्प के विषय में जानकारी देने के लिए बाबा जी से विनती की, बाबा जी ने बताया कि तुलसी कल्प को नीम कल्प के बाद करना अधिक लाभप्रद होता है, इसके लिए आप किन्हीं भी लगातार 12 दिनों का चयन करें इसमें तीन समय आपको तुलसी के सात -सात पत्ते तीन पहर पर खाने हैं या फिर उसका आप अर्क बनाकर भी ले सकते हैं तुलसी पत्र को पीसकर उसे जल में मिलाकर स्नान करना है दिन में एक बार, और जल इस जगह प्रवाहित होना चाहिए जहां पर शुद्धता हो उसे बाथरूम आदि में प्रवाहित नहीं करना है, एक तुलसी की पोटली भी आपको पूरे समय अपने साथ रखनी है जब आप निद्रा कक्ष में हो तो भी उसे अपने सिरहाने पर रखना है ताकि उसकी महक आपके फेफड़ों को पूरे समय मिलती रहे, यह उसी तरह लाभकारी है जैसे मृत्यु पर्यंत मोक्ष प्राप्ति हेतु जो तुलसी पत्र हम प्राप्त करते हैं यदि उस समय आपको तुलसी पत्र ग्रहण करने को ना भी मिल पाए तो यह तुलसी कल्प आपके लिए उसी तरह लाभ दायक होता है, और इससे जीवन पर्यंत आपको ऑक्सीजन की कभी भी कमी नहीं होती
 
रामेश्वर  वर्मा जी ने जिज्ञासा रखी की :

गिरा अर्थ जल बीच सम।कहीं अति भिन्न न भिन्न।।बंदव सीता राम पद।जिनहिं परम प्रिय खिन्न।। इस पर प्रकाश डालने की कृपा हो गुरु देव, गुरुदेव ने बताया  कि शब्द व अर्थ उसी तरह अभिन्न है जिस तरह से जल व बर्फ और वैसे ही सीताराम में भी कोई भिन्नता नहीं है दोनों ही पावन पवित्र निर्मल है दोनों को ही दीन दुखी गरीब प्रिय है ऐसे दीनदयाल गरीब नवाज सीताराम को हम   प्रणाम करते हैं 
 
खेम सिंह वर्मा जी ने जिज्ञासा रखी की मानव जीवन से मोक्ष प्राप्ति के लिए गीता की कौन से अध्याय या श्लोक का पाठ किया जाना चाहिए।उपदेश करें गुरुदेव।, बाबा जी ने बताया कि गीता का हर पाठ  हर श्लोक हमारे लिए जीवन उपयोगी है और रहा मोक्ष का पर्याय तो गीता में भी श्री कृष्ण जी ने कहा है कि अर्जुन मोक्ष तो जीते जी ही मिलता है जो व्यक्ति जीते जी जीवन से मुक्त हो जाता है उसी को मोक्ष मिलता है क्योंकि मरने के बाद मोक्ष क्या है किसने देखा है इसीलिए जब आप जीवित हैं तभी मोक्ष का आनंद ग्रहण करिए वही सच्ची गीता पाठ  है।

आदौ रामतपोवनादिगमनं हत्वा मृगं कांचणम ॥पर प्रकाश डालने की कृपा हो ।, बाबा जी ने बताया कि एक श्लोकी रामायण एक मंत्र के समान है जिसे पढ़ने पर उसी तरह से अनंत फल प्राप्त होते हैं जिस तरह से रामायण पठन से परंतु यह श्री राम जी का संपूर्ण चरित्र नहीं है इसीलिए रामायण का पाठ ही श्री राम जी का संपूर्ण चरित्र चित्रण है।
       
किरण पांडे जी रायपुर ने जिज्ञासा रखी की क्या माला जप को हम किसी भी समय सीता राम के नाम से जप सकते हैं या बीज मंत्र से, बाबा जी ने बताया कि बीज मंत्र या गुरु मंत्र को आप नियम पूर्वक ही करें शुद्धता पूर्ण आसन ग्रहण करें परंतु भगवान के किसी भी नाम को आप जपेंगे आपको उसी रूप में भगवान की प्राप्ति होती है इसीलिए आप माला जप को नाम के रूप में कभी भी कहीं भी और जोर-जोर से भी कर सकते हैं परंतु बीज मंत्र को आपको मन ही मन में और नियम पूर्वक ही करना होगा।
 
इस प्रकार आज का ऑनलाइन सत्संग बाबाजी के ज्ञानपूर्ण चर्चा एवम अंत में सुमधुर भजनों के साथ संपन्न हुआ  सत्संग जुड़ने हेतु आप हमारे वाट्सएप नम्बर 9425510729 पर मैसेज करें।
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