सरगुजा जिले के तराजू गांव मे उडने वाली गिलहरी मिली है. घायलावस्था मे मिली इस गिलहरी के दोनो पैर मे चोट लगी है. जिसको जिले के लखनपुर वन परिक्षेत्र के वनकर्मियों ने रेस्क्यू किया है. और इलाज के लिए अम्बिकापुर वन विभाग के द्वारा संचालित संजय पार्क मे भेज दिया है. वही अम्बिकापुर रेंज आफिसर के मुताबिक इसका बेहतर इलाज कराया जा रहा है और उन्होंने ये भी बताया कि ऐसी उडने वाली गिलहरी आमतौर पर पूर्वोत्तर राज्यों के घने जंगल मे पाई जाती है।
अम्बिकापुर के संजय पार्क मे लाने के बाद उडने वाली घायल गिलहरी का इलाज जारी है. इधर पशु चिकित्सक डाक्टर सी के मिश्रा के मुताबिक जो गिलहरी जिले के तराजू गांव से रेस्क्यू की गई है. वो गिलहरी की पाए जाने वाली 50 प्रजाति मे एक है. और घायलावस्था मे जो उडने वाली गिलहरी मिली है उसकी उम्र 2-3 साल है. जबकि ऐसी गिलहरी की अधीकतम उम्र 8 वर्ष होती है।
जानकारी के मुताबिक घने जंगलों मे रहने वाली ऐसी गिलहरी पहली बार जिले के जंगल मे मिली है. जिससे वन विभाग के अधिकारियों ने खुशी भी जाहिर की है. बहरहाल उडने वाली आकर्षक गिलहरी फिलहाल घायल है. जिसका इलाज वन विभाग के अधिकारियों और पशु चिकित्सकों की निगरानी मे जारी है।