दुनिया इन दिनों कोरोना महामारी (Corona Virus) की वजह से त्रस्त है. कई देश बीते कई महीनों से लॉकडाउन (Lockdown) है. इस वजह से लोग अपने घरों में ही कैद होकर रह गए. महामारी के इस दौर में लोगों की जान जा रही है, लेकिन कई लोग इसे प्रकृति का बदला कह रहे हैं. कई लोगों का कहना है कि ये प्रकृति का खुद को हील करने का तरीका है. इंसानों ने प्रकृति को काफी तबाह किया है. इसी का बदला अब प्रकृति लोगों को घरों में कैद कर ले रही है.
चूंकि, लंबे समय से लोग घरों में हैं, इस वजह से पर्यावरण में प्रदूषण का लेवल कम हो गया है. साथ ही ऐसे कई प्रजाति के जीव-जंतु अब एक बार फिर दिखने लगे हैं, जिन्हें एक समय में विलुप्त मान लिया गया था. इसी में से एक है नारंगी आंखों वाले Bornean प्रजाति के राजह स्कोप्स उल्लू (Rajah scops owl). इन उल्लुओं को करीब एक सौ पच्चीस साल बाद मलेशिया के जंगलों में देखा गया.
आम उल्लुओं से बेहद अलग :
आंखों से है पहचान :
इन उल्लुओं को 1892 में रिचर्ड बोडलेर शार्प ने डिस्क्राइब किया था कि कभी दुनिया में नारंगी आंखों वाला उल्लू हुआ करता था. इसका नाम मलेशिया के राजा के नाम पर रखा गया था. रिसर्चर्स ने तो उम्मीद ही छोड़ दी थी कि कभी फिर से ये उल्लू देखने को मिलेंगे. लेकिन ऐसा 125 साल बाद हो पाया. वैज्ञानिक अब इन उल्लुओं पर आगे शोध कर पता लगाएंगे कि इतने सालों तक छिपे थे?