@ बलरामपुर// कमल चंद साहू।।
रामनवमी पूरे देशभर में पूर्ण श्रद्धा उल्लास के साथ मनाया गया। यह पर्व भगवान विष्णु के सातवें अवतार भगवान राम के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। यह रामनवमी का त्यौहार सप्तमी, अष्टमी व नवमी के दिनों में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। वैसे तो यह रामनवमी का त्यौहार पहले दिन से ही पूजा अर्चना और श्रद्धा के साथ शुरू कर दिया जाता है। छत्तीसगढ़ प्रदेश के क्षेत्र के अनुकूल अलग-अलग क्षेत्रों में अपनी परिवेश रीति रिवाज के अनुरूप रामनवमी का त्यौहार विशेष पूजा अर्चना के साथ मनाया गया। कुछ जगहों पर खप्पर निकालकर भी आस्था के रूप देवी का प्रतीक पारा मोहल्लों में निकालकर हर्षोल्लास के साथ पूजा पाठ हवन आदि तमाम कार्यक्रम किया गया। रामनवमी के त्यौहार का मुख्य रूप से कलश में जौ ऊगा कर नवमी के दिन पास पड़ोस के घरों में घुमाया जाता है। जहां घर घर जाकर हवन सामग्री के साथ पूजा अर्चना किया गया।
हालांकि कोरोना लॉकडाउन के कारण यह त्यौहार पहले जैसा भीड़ व काफ़ी समूहों में नजर नहीं आया। फिर भी रामनवमी के महापर्व भगवान विष्णु के साथ में अवतार के रूप में भगवान राम के जन्मदिवस की इस पुण्यतिथि को हर्षोल्लास के साथ ग्राम वासियों में मनाया गया। इस त्यौहार के दिन आमंत्रण हेतु तुलसी दल के पत्तों से आमंत्रित किया जाता है। आमंत्रण में आए सभी व्यक्तियों का आदर पूर्वक स्वागत किया जाता है। स्वागत उपरांत उन लोगों को प्रसाद रोट, नारियल का प्रसाद दिया जाता है। तत्पश्चात भोजन कराया जाता है। यह आस्था का प्रतीक भगवान विष्णु के सातवें अवतार भगवान राम के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। रामनवमी का त्यौहार घर के देवी देवताओं आदि तमाम आस्था का प्रतीक भी माना जाता है। छत्तीसगढ़ प्रदेश में जैसा जैसा क्षेत्र हैं वहां वहां अपने अपने स्तर से भी अपने आस्था अनुरूप भी कई आयामों से भी मनाया जाता है।