बता दें कि सामान्य प्रशासन विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग के जारी निर्देश के अनुसार कांटेक्ट ट्रेसिंग का कार्य जल्द और किसी भी दशा में कोरोना पॉजिटिव मरीज की जानकारी होने के 6 घंटे के भीतर पूरा कर क्वारंटाइन और सैंपलिंग की जानी है।
इन शिक्षकों की ड्यूटी कांटेक्ट ट्रेसिंग एवं अन्य आनुषांगिक कार्य के लिए लगाई गई थी, लेकिन 12 शिक्षकों को नोटिस देने के बाद भी न्यू सर्किट हाउस रायपुर स्थित ऑडिटोरियम में उपस्थिति नहीं दी गई और न ही सौंपे गए दायित्व का पालन किया जा रहा है. यह कृत्य सिविल सेवा आचरण नियम, 1965 का स्पष्ट उल्लंघन है. इस कृत्य से आपदा प्रबंधन कार्य में बाधा उत्पन्न हुई है।
इन शिक्षकों को कारण दर्शित कर अंतिम अवसर प्रदान करते हुए निर्देशित किया गया है कि न्यू सर्किट हाउस रायपुर स्थित ऑडिटोरियम में तत्काल सहायक नोडल अधिकारी के समक्ष उपस्थित हो. साथ ही कारण बताओं नोटिस का जवाब 3 दिवस के भीतर प्रस्तुत करने के आदेश दिया गया है।
निर्धारित समयावधि में जवाब प्रस्तुत नहीं करने या प्रस्तुत जवाब संतोषप्रद नही होने पर छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम, 1966 और आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51 व एपिडेमिक डिसीजेज एक्ट, 1897 के अधीन कार्रवाई की जाएगी. जिसके तहत 6 माह से 1 वर्ष तक के कारावास की सजा का प्रावधान है।