
पं बंगाल से चरस मंगवाकर राजधानी में तस्करी करने वाले दो तस्कर गुरुवार देर रात पकड़े गए। उनके पास से करीब 50 हजार की चरस मिली। नए साल के जश्न में चरस की बिक्री ज्यादा होने की उम्मीद पर उन्होंने बंगाल के अपने सप्लायर को आर्डर दिया था। साइबर क्राइम सेल की टीम को भनक लग गई। उन्हें घेरेबंदी कर पकड़ा गया। हालांकि उन्हें चरस लाकर देने वाला सप्लायर पुलिस से बच निकला। उसकी तलाश की जा रही है।
चरस की तस्करी में गिरफ्तार नवीन वर्मा और शेख सरफराज के मोबाइल जब्त कर लिए गए हैं। उनके फोन में कुछ संदिग्ध नंबर मिले हैं। पुलिस सप्लायर के साथ-साथ उन ग्राहकों का भी रिकार्ड निकलवा रही है, जो लगातार नवीन और सरफराज के संपर्क में रहे हैं। पुलिस का फोकस फिलहाल राजू बंगाली उर्फ बंगाली दादा है। राजू माना का रहने वाला है। वही नवीन और सरफराज के लिए चरस लेकर आया था। साइबर क्राइम सेल के अफसरों के अनुसार नवीन और सरफराज छोटी छोटी गाेलियां बनाकर चरस बेच रहे थे। वे सप्लाई करने डीडीनगर पहुंचे थे। पुलिस ने वहीं घेरेबंदी की थी। खबर मिलने पर पुलिस की टीम ने वहीं घेरेबंदी की। आरोपी वहां ग्राहकों को चरस की सप्लाई देने पहुंचे और पकड़े गए। दोनों आरोपी शराब तस्करी में पहले भी जेल जा चुके है। पूछताछ के दौरान दोनों आरोपियों ने माना का बंगाली दादा उन्हें चरस लाकर देता है। वह ट्रेन से बड़ी आसानी से चरस लेकर आता है। पिछले डेढ़ साल से वे इस काम में लगे हुए है। जितने में चरस खरीदते हैं, उससे दोगुनी कीमत पर बेचते हैं। रायपुर में चरस लेने वाले कई लोग हैं।
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