
साल भर लेट चल रही अमृत मिशन योजना का काम जून तक पूरा करने का टारगेट है। जल संसाधन विभाग के अफसरों की मानें तो खूंटाघाट बांध में 20 फीसदी से अधिक पानी रहा तो वह अमृत मिशन के अंतर्गत बिरकोना गांव में स्थापित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में सप्लाई दे देगा। अच्छी बारिश के चलते खूंटाघाट में आज की स्थिति में 80 फीसदी से अधिक पानी है। कई वर्षों बाद यह स्थिति निर्मित हुई। बांध पूरी तरह भर नहीं रहा था, इसलिए जल संसाधन विभाग ने अहिरन से खूंटाघाट में पानी लाने की योजना पूरी होने पर ही 31 एमसीएम पानी देने सहमति दी थी। साफ है कि पर्याप्त बारिश नहीं होने पर वह मांग के मुताबिक पूर्ति नहीं कर पाएगा। बहरहाल मौजूदा स्थिति के मुताबिक जल संसाधन विभाग बिरकोना को इतना पानी जरूर दे देगा जिससे कि अमृत मिशन योजना की टेस्टिंग हो सके।
जानिए कहां तक पहुंची पाइप लाइन
खूंटाघाट बांध से बिरकोना तक इंडियन ह्यूम पाइप को 26.630 किमी 1500 एमएम की पाइप लाइन बिछाने के लिए अक्टूबर 2017 में काम दिया गया था। वर्क आर्डर के मुताबिक 24 महीने में काम पूरा होना था, परंतु वह साल भर लेट हो गया। कोरोनाकाल में अप्रैल से अक्टूबर तक काम बंद रहा। नवंबर में काम शुरू हुआ और दिसंबर अंत तक मात्र 669 मीटर पाइप लाइन बिछाई गई। आज की स्थिति में 5.50किमी पाइप लाइन बिछाने का काम बाकी है। नोडल अधिकारी पीके पंचायती का कहना है कि ठेकेदार को अप्रैल तक समय दिया गया है। टीमों की संख्या बढ़ाकर हर महीने 1000-12000 मीटर की गति से पाइप लाइन बिछाने कहा गया है। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का इलेक्ट्रिकल कार्य चल रहा है। जल संसाधन विभाग से पानी मिलते ही टेस्टिंग कराई जा सकती है।
इन गांवों से होकर बिरकोना पहुंचेगा पानी
खूंटाघाट से रतनपुर और बिरकोना के काफी बड़े हिस्से में पाइप लाइन बिछाई जा चुकी है। जिन गांवों में पाइप लाइन बिछाने का काम बाकी है, उनमें भरनी, भरवीडीह ,सिंघरी से भरवीडीह, जल्सो, पॉवर ग्रिड के पास, सेमरी आदि शामिल है। शहर में वितरण पाइप लाइन बिछाने का काम यदि समय पर पूरा नहीं हुआ तो पुरानी पाइप लाइन से ही बांध के पानी की सप्लाई करने में कोई परेशानी नहीं है। शहर में 100 किमी वितरण पाइप लाइन तथा 36684 नए वाटर मीटर लगाने का काम बाकी है।
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