शहर की जमीन की सरकारी कीमत तय करने के लिए प्रशासन ने एक बार फिर से सर्वे का काम शुरू कर दिया है। पंजीयन विभाग के निर्देशों के बाद रायपुर के आरआई और पटवारियों को इस काम में लगा दिया गया है। यह सभी अफसर अपने-अपने हल्के यानी इलाके की जमीनों का सर्वे करेंगे। किन इलाकों में नए निर्माण हुए हैं, कहां खरीदी-बिक्री ज्यादा या कम हुई है। किन क्षेत्रों में नई सड़क या निर्माण प्रस्तावित की गई है इस तरह की सभी जानकारियां जुटाने के बाद ही तय किया जाएगा कि शहर में कहां जमीन की कीमत बढ़ाई जाए और कहां कम की जाए। इस रिपोर्ट को कलेक्टर की अध्यक्षता में बनी जिला मूल्यांकन समिति को भेजा जाएगा।
शहरी इलाकों के बजाए इस साल आउटर में जमीन की कीमतें बढ़ सकती हैं। अफसरों का कहना है कि पिछले दो साल में सबसे ज्यादा नई कॉलोनियां आउटर में ही बनी हैं। कमल विहार और स्वागत विहार के आसपास के क्षेत्र, बोरियाखुर्द, डूंडा, बोरियाकला, रायपुरा, महादेव घाट के पास, सड्डू, विधानसभा रोड, जीरो प्वाइंट, दोंदे, सेजबहार रोड समेत आउटर के कई जगहों पर ऐसी कॉलोनियां ज्यादा बनी है। शहर से थोड़ी दूर होने की वजह से इन इलाकों में जमीन की कीमत भी कम है। इसलिए लोगों ने यहां निवेश भी किया है। इसलिए माना जा रहा है कि इस साल की कलेक्टर गाइडलाइन में ऐसी जगहों की कीमत बढ़ सकती है। हालांकि छत्तीसगढ़ क्रेडाई पहले ही आउटर में जमीन की कीमतें बढ़ाने का विरोध कर चुका है। बिल्डरों का कहना है कि आउटर की जमीन के बाजार की कीमत की तुलना में सरकारी कीमत ज्यादा है। इसलिए इस अंतर को खत्म करने के लिए इस साल भी जमीन की कीमतें नहीं बढ़ानी चाहिए।
मकान, फ्लैट व डुपलेक्स के कीमतें बढ़ाएंगे बिल्डर
कई महीनों के बाद अभी सरिया, सीमेंट और गिट्टी की कीमत में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। मकानों में लगने वाले नए सरिया की कीमत 60 रुपए किलो तक पहुंच गई है। इसके अलावा सीमेंट की कीमतें भी लगातार बढ़ रही है। यही वजह है कि जो मकान बन गए या बन रहे हैं उनकी कीमत 5 से 10 फीसदी तक बढ़ सकती है। बिल्डरों का कहना है कि लागत बढ़ने की वजह से ही वे कीमत बढ़ाएंगे। मकान की कीमत बढ़ेगी तो रजिस्ट्री का खर्चा भी बढ़ेगा। हालांकि सरकारी एजेंसियों के मकान अभी भी पुरानी कीमत में ही बिक रहे हैं। लेकिन कहा जा रहा है खरीदार नहीं मिलने की वजह से सरकारी एजेंसियों ने कीमत नहीं बढ़ाई।
"नई कलेक्टर गाइडलाइन के लिए सर्वे का काम शुरू कर दिया गया है। जहां जरूरत होगी केवल वहीं कीमत बढ़ाई जाएगी। तय समय में अनुशंसाएं राज्य मूल्यांकन समिति को भेज दी जाएगी। इस पर अंतिम फैसला मुख्यालय से ही होगा।"
-बीएस नायक, मुख्य पंजीयक रायपुर