प्राइवेट छात्रों से सीएमडी 8, डीएलएस 11 और डीपी विप्र 74 लाख वसूलेगा...

प्राइवेट छात्रों से सीएमडी 8, डीएलएस 11 और डीपी विप्र 74 लाख वसूलेगा...

Avinash

अटल यूनिवर्सिटी ने स्नातक प्रथम वर्ष में प्राइवेट छात्रों के नामांकन और परीक्षा फार्म भरने के लिए पोर्टल खोल दिया है। फार्म भरने की अंतिम तारीख 31 मार्च है। अभी तक 11 हजार 500 छात्रों ने आवेदन किए हैं। 6 हजार छात्रों ने कॉलेजों को सुविधा शुल्क देकर अपनी सीटों का वेरिफिकेशन करा लिया है। प्राइवेट छात्रों को सिर्फ कॉलेजों में बैठकर परीक्षा बस देनी है। शहर के सीएमडी, डीपी विप्र, डीएलएस सहित अन्य बड़े कॉलेजों ने छात्रों से सुविधा शुल्क के नाम लाखों रुपए वसूलने की तैयारी कर ली है। यूनिवर्सिटी ने इस बार कॉलेजों को निर्देश जारी किया है कि कॉलेज में जितनी नियमित सीटें हैं, उतने ही प्राइवेट छात्रों का एडमिशन लेना है। ऐसे में सीएमडी कॉलेज में बीए, बीएससी व बीकॉम में कुल 1585 सीट है। कॉलेज के प्राचार्य का कहना है कि सुविधा शुल्क के नाम पर छात्रों से 500 रुपए लिया जाएगा। अगर सीटें भरीं तो सीएमडी छात्रों से 7 लाख 92 हजार 500 रुपए वसूलेगी। डीएलएस कॉलेज में बीए में 240 सीट, बीकॉम में 160 सीट व बीएससी में 230 सीटें हैं। डीएलए कॉलेज के धर्मेंद्र शास्त्री के अनुसार बीए, बीकॉम के छात्रों से सुविधा शुल्क 500 रुपए और बीएससी के छात्रों से 3 हजार ले रही है। डीएलएस 10 लाख 85 हजार 500 रुपए वसूलेगी। डीपी विप्र में बीए में 480 सीट, बीकॉम में 450 सीट और बीएससी में बायो व गणित में 560 सीट है। डीपी विप्र बीए के छात्रों से सुविधा शुल्क 500 रुपए, संपर्क कक्षा शुल्क 3000 हजार रुपए व पर्यावरण शुल्क 15 रुपए वसूल रही है। डीपी विप्र कॉलेज बीए के छात्रों से 16 लाख 80 हजार रुपए वसूलेगी। डीपी विप्र कॉलेज बीकॉम के छात्रों से सुविधा व संपर्क कक्षा शुल्क 4 हजार रुपए वसूल रही है। ऐसे में बीकॉम के छात्रों से 18 लाख रुपए वसूलेगी। बीएससी के छात्रों से सुविधा, संपर्क व प्रैक्टिकल शुल्क 7 हजार रुपए वसूल रही है। बीएससी के बायो व गणित के छात्रों से डीपी विप्र कॉलेज 39 लाख 20 हजार रुपए वसूलेगी। इस तरह डीपी विप्र कॉलेज प्राइवेट के बीए, बीकॉम और बीएससी के छात्रों से कुल 74 लाख रुपए वसूलेगी। जबकि छात्र पहले से ही यूनिवर्सिटी को नामांकन और परीक्षा शुल्क 1800 रुपए दे रहे हैं।

प्रायोगिक के नाम पर ले रहे 2000रु.
एयू के परीक्षा नियंत्रक डॉ. प्रवीण पाण्डेय का कहना है कि नियम के अनुसार यूनिवर्सिटी छात्रों से जो नामांकन व परीक्षा शुल्क 1800 रुपए ले रही है। उसमें से 30 रुपए कॉलेजों को फार्म अग्रेषण शुल्क के नाम पर देगी। अगर परीक्षा ऑफलाइन होती है तो उसका खर्च भी यूनिवर्सिटी ही उठाएगी। प्रैक्टिकल के विषयों के लिए 290 रुपए शुल्क निर्धारित है। अगर कॉलेज इससे अधिक लेते हैं तो गलत है। इधर कॉलेजों द्वारा सुविधा शुल्क के नाम पर 500 रुपए, प्रैक्टिकल के नाम पर 2000 रुपए लिया जा रहा है। प्राइवेट छात्रों पढ़ाने के नाम पर कॉलेज अब 4500 रुपए वसूल रहे हैं।

कॉलेज की कमेटी ने निर्णय लिया
डीपी विप्र कॉलेज की प्राचार्य डॉ. अंजू शुक्ला ने कहा कि मैं अभी बाहर हूं। जो फीस बढ़ी है, वह कॉलेज की शासी निकाय की कमेटी में निर्णय हुआ है। सीएमडी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय सिंह ने कहा कि हर साल प्राइवेट छात्रों से सुविधा शुल्क लेते हैं।


सीधी बात
डॉ. एचएस होता, प्रभारी कुलसचिव अटल बिहारी वाजपेयी यूनिवर्सिटी

सवाल- प्राइवेट छात्रों से यूनिवर्सिटी भी परीक्षा का पैसा ले रही है और कॉलेज भी सुविधा शुल्क के नाम पर 500 से 7 हजार रुपए ले रहे हैं, ऐसा क्यों ?
- हम जो परीक्षा शुल्क ले रहे हैं, उसमें से कॉलेजों को अग्रेषण शुल्क क साथ प्रश्नपत्र, कॉपी सहित परीक्षा का खर्च देंगे।
सवाल- सभी बड़े कॉलेज सीएमडी, डीपी व डीएलएस ले रहे हैं, एयू कार्रवाई क्यों नहीं करती?
- कुलपति से सोमवार को चर्चा कर कार्रवाई की जाएगी। हां अभी तत्काल में आपसे जानकारी मिलने पर छात्रों को ये सुविधा दे रहे हैं कि जिस कॉलेज में ज्यादा पैसा ले रहे हैं, छात्र वहां एडमिशन ना लें। दैनिक भास्कर के इस पहल पर हम छात्रों को परीक्षा केंद्र बदलने का मौका देंगे। अगर छात्र फार्म वेरीफाई हो गया है, वो भी पैसा ज्यादा होने के कारण केंद्र बदलना चाहते हैं, तो एयू उनका केंद्र बदलेगी। जिस कॉलेज में प्राइवेट छात्रों से ज्यादा फीस ली जा रही है, छात्र वहां बिल्कुल भी ना जाएं। एयू व उच्च शिक्षा विभाग में शिकायत करें।

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