अब प्रदेश में स्टेट वैक्सीन स्टोर से कोई भी टीका वैक्सीन वाहन में ही ट्रांसपोर्ट किया जाएगा। राज्य टीकाकरण अधिकारी ने इसके लिए सभी जिलों को निर्देश जारी किए हैं कि वैक्सीन वाहन नहीं होंगे तो स्टोर से कोई भी टीका सप्लाई नहीं किया जाएगा। भास्कर ने खुलासा किया था कि वैक्सीन के स्टोरेज का संकट तो है ही, हर टीके का परिवहन साधारण गाड़ियों से ही किया जा रहा है। जबकि वैक्सीन को लाने-ले जाने का काम खास इंसुलेटेड गाड़ियों से होना अनिवार्य है। वैक्सीन वाहनों की कमी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने केंद्र से 5 नई गाड़ियों की मांग कर दी है।
अफसरों ने बताया कि नए 5 वैक्सीन वाहन कोरोना टीकाकरण से पहले मिलने की उम्मीद है। इन्हें तुरंत उन जिलों में भेजा जाएगा जहां वैक्सीन वाहन खराब हैं या फिर है ही नहीं। जैसे, इस साल बने प्रदेश के 28वें जिले पेंड्रा-गौरेला-मरवाही में वैक्सीन गाड़ी नहीं है। यही नहीं, विभाग ने कोरोना टीकाकरण शुरू करने से पहले एक बार फिर कोल्डचैन सिस्टम को परखने और इसे मजबूत करने की कवायद शुरू कर दी है। अफसरों ने संकेत दिए कि अगर इसमें अफसर-कर्मचारियों की लापरवाही सामने आई तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है, प्रदेश में इस जनवरी में 45 लाख से ज्यादा बच्चों को पोलियो वैक्सीन पिलाई जानी है। यह काम 17 जनवरी को होगा। इस काम को कोरोना टीकाकरण का ट्रायल माना जा रहा है। इस दौरान जो खामियां नजर आएंगी, उन्हें सुधारा जाएगा और बेस्ट प्रैक्टिस कोरोना टीकाकरण में लागू की जाएगी।
"केंद्र सरकार से पांच नए वैक्सीन वाहन मांगे गए हैं। अब किसी भी जिले से टीके के लिए वैक्सीन वाहन नहीं भेजा जाएगा तो वहां टीके सप्लाई नहीं होंगे।"
-डॉ. अमरसिंह ठाकुर, राज्य टीकाकरण अधिकारी