कोरोना संक्रमण के कारण मार्च से बंद काॅलेज 15 दिसंबर के बाद कभी भी खुलेंगे और ऑफलाइन पढ़ाई शुरू हो जाएगी। लेकिन कोरोना काल में हर कैंपस का नजारा अलग रहेगा। कई कालेजों ने शासन को प्लान भेजा है कि 50 की क्लास में वे 15-20 छात्रों से ज्यादा की उपस्थिति की इजाजत नहीं देंगे। एक बेंच में एक छात्र ही बैठेगा। अधिकांश कालेजों ने मार्निंग शिफ्ट में भी कक्षाएं बढ़ाने की तैयारी कर ली है। यह भी लगभग तय है कि जिन विषयों में प्रैक्टिकल जरूरी है, उनके छात्रों की कक्षाएं पहले चरण में शुरू की जाएंगी।
पहले लाॅकडाउन यानी 19 मार्च से ही राजधानी के सारे कालेज बंद हैं। शासन ने कोरोना अनलाॅक की प्रक्रिया के तहत संकेत दे दिया है कि 15 दिसंबर के बाद कड़े सुरक्षा मापदंडों के तहत कालेजों में ऑफलाइन पढ़ाई शुरू हो सकती है, यानी स्टूडेंट्स जा सकते हैं। लेकिन लगभग हर कालेज प्रबंधन ने कोरोना को ध्यान में रखते हुए काॅलेज लगाने का सिस्टम ही बदल दिया है। शासन की ओर से कहा गया था कि हर कालेज अपनी प्लानिंग भेजे। इसी के तहत अलग-अलग कालेजों ने प्लान भेजे हैं। इन सभी प्लान पर विचार के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने एक कमेटी बनाई थी। कई बैठकों के बाद कमेटी ने कॉलेजों में पढ़ाई शुरू करने को लेकर अपनी रिपोर्ट दे दी है। इस पर फैसला शासन को करना है, लेकिन जानकारों का दावा है कि कोरोना संक्रमण की स्थिति में थोड़ा सुधार नजर अा रहा है, इसलिए शासन की ओर से कालेज शुरू करने की इजाजत मिल सकती है। हालांकि यह अनुमति लंबे-चौड़े दिशानिर्देशों के साथ जारी होगी। ये दिशानिर्देश कालेजों की ओर से भेजे गए प्लान के अध्ययन के बाद तैयार किए जा रहे हैं। इसी के अनुरूप चरणबद्ध तरीके से कक्षाएं शुरू होगी।
राजधानी-प्रदेश के कुछ प्रमुख काॅलेज कैसे खुलेंगे... इस बारे में वह सब कुछ जो आप जानना चाहते हैं
दुर्गा कॉलेज रायपुर के प्राचार्य डॉ. आरके. तिवारी का कहना है कि ऑफलाइन पढ़ाई को लेकर जाे निर्देश मिलेंगे उसका पालन हाेगा। क्लासरूम को नियमित सेनेटाइज करने के लिए प्रर्याप्त व्यवस्था कर ली गई है। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन छात्र करें इस पर पूरा ध्यान दिया जाएगा।
छत्तीसगढ़ काॅलेज के प्राचार्य डॉ. अमिताभ बनर्जी का कहना है कि यहां लॉ व एमएसडब्ल्यू की कक्षाएं मॉर्निंग शिफ्ट में लगती हैं, जबकि अन्य की पढ़ाई का समय अलग है। ऑफलाइन की अनुमति मिलने पर जरूरत के अनुसार मॉर्निंग शिफ्ट में कुछ और कक्षाएं संचालित की जाएगी।
महंत कॉलेज के प्राचार्य डॉ. देवाशीष मुखर्जी का कहना है कि हमारे यहां सुबह 7.45 बजे से लेकर 12 बजे तक कक्षाएं लगती थी। ऑफलाइन कक्षाओं की अनुमति मिलने पर इसमें थोड़ा बदलाव होगा। दो शिफ्ट में क्लास लगायी जाएगी। दाेपहर 12 नहीं बल्कि 3 बजे तक क्लास लगेगी।
डागा गर्ल्स कॉलेज की प्राचार्य संगीता घई ने बताया कि ऑनलाइन कक्षाएं चल रही है। ऑफलाइन पढ़ाई को लेकर भी तैयारी कर ली गई है। एक क्लास में छात्रों की संख्या रहे, इसे लेकर बैठक व्यवस्था पर ध्यान दिया जा रहा है। जैसे एक क्लास में एक बैंच पर अब एक ही स्टूडेंट्स बैठेंगे।
सीएमडी कॉलेज बिलासपुर के प्राचार्य डॉ. संजय सिंह का कहना है कि ऑनलाइन कक्षाएं चल रही है। ऑफलाइन पढ़ाई अनुमति मिलती है तो जिन छात्रों को ऑनलाइन में दिक्कत हो रही है उन्हें पहले बुलाया जाएगा। जिस विभाग में छात्र कम है उन्हें भी कॉलेज आने की छूट दी जाएगी।
बिलासा गर्ल्स कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एस.एल निराला का कहना है कि हमारे पास जगह की कमी नहीं है। ऑफलाइन पढ़ाई की अनुमति मिलती है तो सोशल डिस्टेंसिंग के साथ कक्षाएं संचालित की जा सकती है। इसके अनुसार तैयारी की गई है। अभी ऑनलाइन पढ़ाई हो रही है।
साइंस कॉलेज दुर्ग के प्राचार्य डॉ.आरएन.सिंग का कहना है कि हमारे कॉलेज में छात्रों की संख्या करीब 7 हजार है। ऑफलाइन की अनुमति मिलने पर शिफ्ट में पढ़ाई होगी। शासन के निर्देशानुसार जितने छात्रों की उपस्थिति जरूरी है उतने को ही कॉलेज आने की छूट दी जाएगी।