अधिकांश लोग नहीं भर पाए हैं आयकर रिटर्न, 4 दिन शेष

अधिकांश लोग नहीं भर पाए हैं आयकर रिटर्न, 4 दिन शेष

Avinash

कोराना संक्रमण का असर इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर)भरने, खाते का ऑडिट कराने और वर्ष 2018-19 का जीएसटी एनुअल रिटर्न भरने पर भी हुआ है। अधिकांश लोग इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भर पाएं हैं। अधिकांश का ऑडिट नहीं हुआ है। अब ऐसे में व्यापारी और चार्टर्ड एकाउंटेंट तारीख बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। हर साल इनकम टैक्स रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई होती है, लेकिन कोरोना के कारण इसकी अंतिम तिथि को दो बार बढ़ाया जा चुका है। अब वित्त वर्ष 2019-20 के आईटीआर भरने की अंतिम तारीख 31 दिसंबर है। हालांकि अभी तक करीब 40 फीसदी ने ही रिटर्न फाइल किया है। चार्टर्ड एकाउंटेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष ललित अग्रवाल ने बताया कि संक्रमण के कारण कंसल्टेंट ऑफिस नहीं जा पा रहे हैं। लोग भी घर से निकलना नहीं चाह रहे हैं। ऐसे में जीएसटी-2018-19 एनुअल रिटर्न की अंतिम तारीख भी 31 है। खातों के ऑडिट करने की अंतिम तारीख भी 31 ही है और रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख 31 जनवरी है। इसके अलावा इनकम टैक्स रिटर्न भरने की अंतिम तारीख 31 दिसंबर है। एक साथ इतने काम करना मुश्किल है। पेंडेंसी भी ज्यादा है। इसलिए तारीख बढ़ाने की मांग की जा रही है। इस बार सरकार ने इनकम टैक्स की नई स्लैब जारी किया था, जिसमें कम टैक्स दरों का फायदा मिलेगा। यह ऑप्शन अभी बताना हाेगा कि आप नई या पुरानी व्यवस्था में रहेंगे। ताकि नियोक्ता टीडीएस उसी अनुसार काट सकें।

आयकर रिटर्न भरते समय इन बाताें का ध्यान रखें

  • वेतन भाेगी कर्मचारियाें काे अपने फाॅर्म 16 का मिलान पाेर्टल पर उपलब्ध फाॅर्म 26ए से करना है।
  • बैक के खाते में जमा पर ब्याज आया है या एफडीआर से आए ब्याज को रिटर्न दाखिल करने में आवश्यक रूप से शामिल करें।
  • धारा 80सी में छूट ले रहे हैं ताे उसका मिलान उपलब्ध दस्तावेजाें से करें।
  • हाेम लाेन ब्याज की छूट ले रहे हैं तो उसके लिए बैंक या फाइनेंस कंपनी से प्रमाण पत्र ले लें।
  • व्यापारी वर्ग टर्न ओवर का मिलान जीएसटी रिटर्न से कर लें।
  • पीडीएस की क्रेडिट का मिलान फाॅर्म 26ए से जरूर कर लेना चाहिए।

नई व्यवस्था में कटाैतियां छाेड़ने पर ही फायदा

नई टैक्स व्यवस्था में 15 लाख तक के इनकम टैक्स सैगमेंट में टैक्स स्लैब कम हैं। लेकिन, इसका लाभ तभी मिल सकता है, जब पुरानी व्यवस्था के तहत मिलने वाले 70 डिडक्शन्स छोड़ें। इनमें लीव ट्रेवल अलाउंस/अवकाश, एचआरए, चैप्टर VI-ए के तहत (कटौतियां) जिसमें सेक्शन 80 सी, 80सीसीसी, 80सीसीडी, 80डी, 80डीडी, 80ई, 80ईई, 80जी, 80जीजी शामिल हैं। स्टैन्डर्ड डिडक्शन और सेक्शन 24 के अंतर्गत होम लोन इंटरेस्ट का लाभ भी नहीं उठा पाएंगे।

इस दायरे में आने वालों को भरना है रिटर्न

  • उम्र 60 से 80 साल के बीच व सालाना आमदनी 3 लाख से अधिक है।
  • 80 साल से अधिक उम्र और साल में 5 लाख से अधिक आय।
  • आय छूट सीमा से कम है, लेकिन 1 लाख से अधिक का बिजली बिल या फिर विदेश यात्रा पर 2 लाख से अधिक खर्च किया है।
  • चालू खाते में एक करोड़ रुपए या अधिक जमा होने और विदेश में संपत्ति में निवेश पर।


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