
धान बिक्री के लिए किसानों को टोकन देने का काम 27 नवंबर से शुरू होना था। पर जिले के बड़े धान खरीदी केंद्राें में पहले व दूसरे दिन एक भी किसान को टोकन नहीं मिल सका। धान बेचने की तैयारी पूरी कर चुके किसान टोकन लेने समितियों में पहुंचे और उन्हें मायूस होकर लौटना पड़ा। सरकार ने जिले में पांच नए खरीदी केन्द्र खोले हैं। केन्द्र की घोषणा 19 नवंबर को हुई। जिसके बाद नए केन्द्रों में खरीदी की व्यवस्था पूरी करने में प्रशासनिक अमला लगा हुआ था।
केन्द्रों में कौन-कौन से गांव के किसान धान बेचेंगे और कितने किसान यहां इन समितियों में पंजीकृत किए जाएंगे इसकी मैपिंग का काम पूरा नहीं हो सका है। मैपिंग का काम पूरा नहीं होने से जिले के बड़े केन्द्र कोतबा, कोनपारा, पत्थलगांव सहित अन्य समितियों में 27 व 28 नवंबर को किसानों को टोकन नहीं कट सका।
5 नए खरीदी केंद्र व 7 नई समितियां बनीं- इस सान खरीदी केन्द्र व समितियां बढ़ गई है। पहले जिले में कुल 25 खरीदी केन्द्र और 17 समितियां थीं। पर अब जिले में उपार्जन केंद्रों की संख्या 30 हो चुकी है, वहीं 7 नई समितियां के साथ कुल 24 समितियों के माध्यम से खरीदारी होनी है। नए केन्द्रों में मनोरा तहसील में आस्ता, कुनकुरी में गोरिया, पत्थलगांव में जामझोर, फरसाबहार में गंझियाडीह और जशपुर में आरा शामिल है। बताया जाता है कि एनआईसी के माध्यम से नई समितियों के लिए गांव व किसानों का आवंटन का काम जारी है। मेपिंग का काम पूरा होने के बाद पुरानी व नई सभी समितियों के कम्प्यूटर साफ्टवेयर में किसानों का नाम दिखना शुरू हो जाएगा। जिसके बाद टोकन दिया जाएगा।
अब हफ्ते के चौबीसों घंटे टोकन कटेंगे
किसानों को धान बिक्री के लिए टोकन लेने में समस्या ना हो और धान खरीदी केन्द्रों में भीड़ ना लगे इसे ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने नया आदेश जारी किया है। इस आदेश के तहत अब सभी धान खरीदी केन्द्रों में टोकन जारी करने का काम सप्ताह के सातों दिन चौबीसों घंटे होगा। पहले सोमवार से शुक्रवार तक सुबह 9 से शाम 5 बजे तक टोकन काटने का समय निर्धारित किया गया था।
पहले दिन कटे सिर्फ 52 टोकन
जिले में पहले दिन 24 समितियों से सिर्फ 53 टोकन काटे जा सके। 27 नवंबर को धान खरीदी केन्द्र कुर्रोग में 2, कांसाबेल में 4 किलकिला में 19, कोतबा में 3, गम्हरिया में 1, तपकरा में 2, तमता में 1, दुलदुला में 3, पत्थलगांव 11, बगीचा में 1 और लुड़ेग में 6 टोकन काटे गए हैं। खाद्य अधिकारी के मुताबिक 1 दिसंबर से टोकन काटे जाने हैं। 28 नवंबर को भी टोकन कटे हैं। दिनभर कटे टोकन की संख्या के आधार पर यह पता चलेगा कि पहले दिन 1 दिसंबर को कितने किसान धान बेचेंगे।
कोनपारा , गंझियाडीह मंडी में टोकन नहीं मिला
तपकरा मंडी में तो किसानों को टोकन दिए जाने का काम शुरू कर दिया गया है। तपकरा समिति के भगोरा उप केन्द्र में किसानों को टोकन नहीं मिल सका। कोनपारा से नई समिति गंझियाडीह बनी है और दोनों ही समितियों से टोकन नहीं मिलने के कारण किसानों को मायूस लौटना पड़ा।
लगातार जारी हैं मैपिंग
नई समितियों में मैपिंग का काम पूरा नहीं हो पाया है। एनआईसी में इसपर लगातार काम चल रहा है। संभावना है कि रविवार रात तक काम पूरा हो जाए। जैसे ही मेपिंग का काम पूरा हो जाता है, सभी समितियों से टोकन वितरण शुरू हो जाएगा। पुरानी समितियों में टोकन देने का काम शुरू हाे चुका है।
जीएस कंवर, जिला खाद्य अधिकारी
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