
डीजीपी डीएम अवस्थी ने गुरुवार को नक्सल मोर्चे पर बस्तर और राजनांदगांव के दूरस्थ कैम्पों में तैनात एक हजार से ज्यादा जवानों से वर्चुअल माध्यम से बात की। यह पहला मौका था जब दूरस्थ पामेड़, किस्टाराम के जवान वीडियो कांफ्रेंसिंग में डीजीपी से बात कर रहे थे। इस दौरान जवानों ने भी डीजीपी से अपनी मांगें रखीं। लंबे समय से पदस्थ कई जवानों को डीजीपी ने तत्काल उनकी इच्छा के मुताबिक ट्रांसफर किया। साथ ही, प्रमोशन की प्रक्रिया आगे बढ़ाने के निर्देश दिए। डीजीपी ने सभी जवानों का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि सभी जवानों की वीरता और साहस का कोई मोल नहीं है। उन्होंने बातचीत के दौरान ही नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों को अदम्य साहस के लिए छत्तीसगढ़ वॉरियर का प्रशस्ति पत्र देने का ऐलान किया, जिससे जिन जवानों को पुरस्कार नहीं मिल पाता, उन्हें भी सम्मानित किया जा सके। बस्तर आईजी पी. सुंदरराज को जवानों की समस्याओं और मांगों के संबंध में प्रस्ताव लेकर मुख्यालय बुलाया है, जिससे तत्काल निराकरण किया जा सके। छत्तीसगढ़ आर्म्ड फोर्स, दंतेश्वरी बटालियन, एसटीएफ, डीआरजी के जवानों से बातचीत करते हुए डीजीपी ने कहा कि आज वे वर्चुअल माध्यम से बात कर रहे हैं, लेकिन दीपावली के बाद सभी कैम्पों का दौरा करेंगे।
लखोली-आरंग में शहीदों के परिजन के घर पहुंचे डीजीपी
सीएम भूपेश बघेल के निर्देश पर डीजीपी अवस्थी धनतेरस पर लखोली में शहीद आरक्षक धनराज मोटघरे और आरंग में शहीद जवान महेंद्र साहू के परिजन से भेंट की। उन्हें दीपावली की शुभकामनाएं देकर उपहार भेंट किया। डीजीपी ने उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार शहीदों के परिजन के प्रति बेहद संवेदनशील है। कोई भी समस्या होगी तो तत्काल निराकरण किया जाएगा।
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