छत्तीसगढ़ में तकरार और हंगामे की भेंट चढ़ी बैठक... बेनतीजन रही अंत तक ...

छत्तीसगढ़ में तकरार और हंगामे की भेंट चढ़ी बैठक... बेनतीजन रही अंत तक ...

@भिलाई // सीएनबी लाईव।।

ट्यूशन फीस को परिभाषित करने, ऑनलाइन क्लासेस में आ रही परेशानियों को दूर करने व निजी स्कूलों व पालकों की समस्याओं को दूर करने कलेक्टर टीके वर्मा ने शनिवार को बैठक बुलाई थी। स्कूल और पालकों के बीच बढ़ती तकरार को दूर करने रखी गई यह बैठक भी बेनतीजा रही और हंगामे की भेंट चढ़ गई। पालक संघ के पदाधिकारी आपस में ही उलझे रहे। एक संगठन के पदाधिकारी स्कूलों की ऑडिट रिपोर्ट जांच कराने की मांग पर अड़े रहे तो दूसरे संगठन वाले फीस नियामक आयोग के आदेशों का हवाला देते रहे। फीस नहीं देने की बात हुई तो एक स्कूल संचालक बैठक छोड़कर चले गए।

बैठक में पालकों की ओर से शिकायत की गई कि निजी स्कूल संचालक ऑनलाइन क्लासेस के नाम से बनाए गए ग्रुप में ही फीस वाला मैसेज डाल रहे हैं। इससे बच्चों पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। फीस नहीं देने वाले पालकों के बच्चे ऐसे मैसेज पढ़कर निराश हो रहे हैं। यह शिकायत भी की गई कि फीस नहीं देने वाले बच्चों को ऑनलाइन क्लास से हटा दिया जा रहा है। इस पर निजी स्कूल संचालकों ने बताया कि कोर्ट के निर्देश के तहत ही ट्यूशन फीस मांग रहे हैं। इस पर पालकों ने आपत्ति करते हुए कहा कि स्कूल संचालक डीईओ को फीस को लेकर गलत जानकारी दे रहे हैं।

डीईओ एचआर सोम ने बताया कि विभाग की ओर से शासन से जारी गाइडलाइन के अनुसार आगे की कार्यवाही की जाएगी। ऑडिट जांच के लिए तो पहले से ही कमेटी बना दी गई है। ट्यूशन फीस को लेकर भी स्कूल संचालकों को पहले ही नोटिस दे चुके हैं कि कोर्ट के निर्देश के तहत केवल ट्यूशन फीस लेंगे।

बैठक में छात्र पालक संघ के पदाधिकारी स्कूलों की ऑडिट जांच की मांग पर अड़े

निजी स्कूल संचालकों ने जताई आपत्ति

इस दौरान छात्र पालक संघ की ओर से कलेक्टर से मांग की गई कि स्कूलों की आरटीई और मान्यता की शर्तों का पालन नहीं करने वाले स्कूलों की ऑडिट जांच की जाए। इस पर कुछ निजी स्कूल संचालकों ने आपत्ति की। स्कूल संचालकों का कहना था कि बेवजह दबाव बनाया जा रहा है। इस बात पर स्कूल संचालकों और पालक संघ के बीच जमकर बहस हुई। पालक संघ ने ऑडिट जांच तक फीस नहीं देने की बात कही।

स्कूल वाले फीस देने दबाव डाल रहे हैं

महापौर हेमा देशमुख ने पालकों और निजी स्कूल संचालकों की बात सुनने के बाद समन्वय बनाने की बात कही ताकि पालकों और स्कूल संचालकों के बीच तकरार न हो। आपस में ही इस समस्या का समाधान करने की बात भी कही गई पर पालक संघ के पदाधिकारियों का कहना था कि शिक्षकों के वेतन के नाम से स्कूल वाले फीस देने दबाव डाल रहे हैं जबकि ये नो लॉस, नो प्रॉफिट के सिद्धांत का पालन ही नहीं कर रहे हैं।

बहस बढ़ते ही बैठक समाप्ति की घोषणा

बैठक के दौरान कुछ पालकों की ओर से निजी स्कूल संचालकों पर लगातार मनमानी का आरोप लगाया गया। कलेक्टर बार-बार पालकों से कहते रहे कि शांति के साथ चर्चा करें पर बहस बढ़ता देखकर कलेक्टर स्वयं बैठक समाप्ति की घोषणा कर चले गए। कलेक्टर वर्मा ने बताया कि बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई पर तय किया गया है कि फीस नियामक आयोग की ओर से तय गाइड लाइन का पालन करेंगे। नियमानुसार ही प्रक्रिया होगी।

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