
सीएम भूपेश बघेल ने सरकार और राजभवन के बीच टकराव की खबरों पर कहा कि यह सवाल तो भाजपा और उनके नेताओं से पूछा जाना चाहिए कि आखिर गैर भाजपा शासित राज्यों में राजभवन की इतनी दखलअंदाजी क्यों हो रही है? बिहार चुनाव में प्रचार के लिए रवाना होने से पहले मीडिया से बातचीत करते हुए सीएम ने कहा कि चिराग पासवान और नीतीश कुमार को अमित शाह पहले ही वोट कटवा पार्टी बोल चुके हैं। इस तरह की राजनीति भाजपा ही करती है।
पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह के पाटन जाने पर सीएम ने कहा कि पाटन में उनका स्वागत है। उन्हें याद है कि जब वे राजनांदगांव गए थे, उस समय उनके खिलाफ एफआईआर कराई गई थी। यह संयोग की बात है कि शिकायतकर्ता विजय बघेल ही थे। सीएम ने कहा कि वहां पर कार्यकर्ताओं के खिलाफ कोई गलत कार्रवाई नहीं की गई। उनकी यह धारणा शासन के खिलाफ है या न्यायालय के खिलाफ, यह तय करना चाहिए।
बेरोजगारी कम करने में सबका योगदान
सीएम ने बेरोजगारी दर में कमी पर कहा कि प्रदेश की जनता के सहयोग और निचले स्तर के अधिकारियों की मेहनत की दम पर हमने यह मुकाम हासिल किया है। सबने मिलकर काम किया है। जितने भी श्रमिक लौटकर आए, उन्हें नौकरी देने में उद्योगपतियों ने भी सहयोग दिया। जीएसटी क्षतिपूर्ति के मामले में सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार ने कहा था उत्पादक राज्यों के घाटे की क्षतिपूर्ति केंद्र सरकार करेगी, लेकिन पिछले छह महीने से केंद्र सरकार से कुछ भी नहीं मिला है। अब जब कर्जा पटाने की बारी आई तो लोन लेने की सलाह दे रहे हैं।
राजभवन से टकराव के रास्ते पर चल रही सरकार: भाजपा
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा है कि सत्ता में आने के बाद से लगातार संवैधानिक मर्यादा व गरिमा का उल्लंघन करने वाली कांग्रेस सरकार राजभवन से टकराव के रास्ते पर चल रही है। राज्य सरकार राज्यपाल को संवैधानिक मर्यादा और सीमाएं बताने की हास्यास्पद नौटंकी कर रही है। पहले सीएम अपनी संवैधानिक सीमाएं तय करें। कुलपति चयन का अधिकार राज्यपाल से छीनकर सरकार ने कौन सी संवैधानिक मर्यादा का पालन किया? सत्ता में आने के बाद से ही सरकार हर कदम पर बदलापुर की राजनीति पर आमादा है।
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