
पिछले 20 दिनों से राजधानी में मरीजों की संख्या में धीरे-धीरे कमी आ रही है, इसलिए अब अस्पतालों में बेड की मारामारी कम हुई है। विशेषज्ञों के मुताबिक ठंड बढ़ने पर राजधानी समेत प्रदेश में कोरोना के मरीज बढ़ सकते हैं, इसलिए राजधानी में आक्सीजन बेड बढ़ाने की तैयारी आखिरी चरण में है। प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अंबेडकर अस्पताल के कुल 1300 बेड में से आधे यानी 650 बेड अगले कुछ दिन में आक्सीजन की सुविधा के साथ आईसीयू में तब्दील कर दिए जाएंगे। प्रदेश में इतने आक्सीजन बेड किसी अस्पताल में नहीं होंगे। इधर, मरीजों की संख्या में कमी की वजह से माना अस्पताल का आईसीयू भी बंद कर दिया गया। वहां के गंभीर मरीजों को अंबेडकर अस्पताल के आईसीयू में भर्ती किया जा रहा है, क्योंकि बेड की अब कमी नहीं है।
कोरोना मरीजों के लिहाज से अक्टूबर काफी राहत भरा है। सितंबर की तुलना में राजधानी में आधे से भी कम मरीज मिले हैं। जब राजधानी में 900 से 1000 मरीज औसतन मिल रहे थे, तब ऑक्सीजन बेड के लिए काफी मारामारी थी। अब ऐसी स्थिति नहीं है। दशहरे के बाद कोरोना मरीजों के बढ़ने की आशंका को देखते हुए अंबेडकर अस्पताल प्रबंधन ने तैयारी शुरू कर दी है। चेस्ट विभाग ने डीन व अधीक्षक को पत्र लिखकर अस्पताल का आधा यानी 650 बेड ऑक्सीजन का करने कहा है। इस पर प्रबंधन की लगभग सहमति भी बन गई है। दरअसल रायपुर में पिछले 15 दिनों से औसतन ढाई सौ से 300 कोरोना के मरीज मिल रहे हैं। इसमें 70 फीसदी लोग बिना व हल्के लक्षण वाले हैं। इसलिए उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत भी नहीं है। ऐसे लोग होम आइसोलेशन में रहकर इलाज करवा रहे हैं। गंभीर मरीज कम होने से अस्पतालों में बेड की कमी नहीं हो रही है। यह स्थिति एम्स के अलावा निजी अस्पतालों में भी है।
विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले समय को देखते हुए आक्सीजन बेड बढ़ाने की जरूरत है इसलिए इसकी तैयारी अभी से की जा रही है।
माना का स्टाफ भी अंबेडकर में
पिछले 15 दिनों से कम मरीज मिलने के कारण माना कोरोना अस्पताल की आईसीयू को बंद कर दिया गया है। अब गंभीर मरीजों को माना के बजाय अंबेडकर अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि डॉक्टर के अलावा नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ की ड्यूटी अलग से लगानी पड़ती है। जबकि अभी स्टाफ की मारामारी है। ऐसे में वहां के स्टाफ को अंबेडकर अस्पताल में मर्ज किया गया है। जब मरीज बढ़ने लगेंगे, तब माना का आईसीयू फिर खोल दिया जाएगा।
1630 बेड पर एक मरीज नहीं
रायपुर के चार कोरोना केयर सेंटर में 1630 बेड है, जहां अभी कोई भी मरीज भर्ती नहीं है। आयुर्वेद कॉलेज में 400, आयुष विश्वविद्यालय में 430, ला यूनिवर्सिटी में 500 व प्रयास संस्थान में 300 बेड है। ये पूरी तरह खाली है। यह कोरोना केयर सेंटर है और वहां हल्के व बिना लक्षण वाले मरीजों का इलाज किया जाता है। आने वाले दिनों में जब मरीज बढ़ेंगे, तब इन सेंटरों को फिर से शुरू किया जाएगा।
"अंबेडकर अस्पताल में आधे यानी 650 बेड में आक्सीजन सुविधा मिल जाएगी। अब आईसीसीयू में भी बेड के लिए मारामारी नहीं है।"
-डॉ. आरके पंडा, एचओडी चेस्ट, अंबेडकर अस्पताल
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3nX0BTq
https://ift.tt/2FxaHZI