राज्य में धान खरीदी शुरू होने से पहले ही सरकार नए कृषि कानूनों के विरोध में छत्तीसगढ़ का अपना कानून लाने की तैयारी में है। चार नए संशोधन विधेयक लाए जाएंगे। इसके लिए विधानसभा सचिवालय ने 26 व 27 अक्टूबर को विधानसभा के विशेष सत्र के लिए राजभवन को प्रस्ताव भेजा है। संभवत: सोमवार या मंगलवार को इसकी अधिसूचना जारी हो सकती है। विशेष सत्र की मंजूरी मिलने के बाद कैबिनेट में चारों संशोधन विधेयकों को मंजूरी दी जाएगी, फिर सदन में चर्चा कराई जाएगी। इस दौरान प्रश्नकाल, ध्यानाकर्षण या अन्य कार्य नहीं होंगे।
केंद्र सरकार ने एपीएमसी एक्ट, आवश्यक वस्तु अधिनियम और कांट्रैक्ट फार्मिंग को लेकर नया कानून पारित किया है। देश के कई राज्य इस कानून के विरोध में है। इस संबंध में सीएम भूपेश बघेल ने नया कानून लाने की बात कही थी। इसकी तैयारी कर ली गई है। एक दिसंबर से राज्य में धान खरीदी शुरू होगी। सरकार को अंदेशा है कि नए कानून से धान खरीदी प्रभावित हो सकती है। इस संबंध में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे भी संदेह जता चुके हैं। यही वजह है कि सरकार पहले ही अपना नियम बनाना चाहती है। राजभवन के सूत्रों के अनुसार विधानसभा सचिवालय से जो प्रस्ताव राजभवन भेजा गया है, उसमें महत्वपूर्ण शासकीय कार्य पूरा करने का हवाला देकर दो दिन के विशेष सत्र की अनुमति मांगी गई है। शुक्रवार को राज्यपाल से हुई मुलाकात में भी चौबे और अकबर ने इस पर चर्चा की।
चौथी बार शॉर्ट नोटिस में विशेष सत्र
राज्य में चौथी बार शॉर्ट नोटिस में विशेष सत्र की तैयारी है। इससे पहले अगस्त 2016, सितंबर 2017 और सितंबर 2018 में विशेष सत्र का आयोजन किया गया। इस बार कृषि कानूनों के विरोध में नए कानून के लिए यह सत्र बुलाई गई है। राज्य की इन तैयारियों के बीच दो दिन पहले रायपुर आए केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री संजीव बालयान ने कहा था कि कृषि राज्य का विषय है, लेकिन कृषि व्यापार व अंतरराज्यीय मूवमेंट केंद्र का विषय है, इसलिए इसके विरोध में राज्य सरकार कानून नहीं बना सकती है। ऐसे में केंद्र व राज्य के बीच टकराव की स्थिति बन सकती है।