@भिलाई•
जामुल में लाखों रुपये खर्च कर फव्वारा बनाया गया था। कोई भी फव्वारा साल भर से ज्यादा टिक नहीं सका। साल दो साल के भीतर हालत ये है कि सारे फव्वारा बंद हो गए। इन पर खर्च किए गए लाखों रुपये पानी में बह गये। दोबारा इन फव्वारा के संधारण पर ध्यान नहीं दिया गया। फव्वारा का सिस्टम भी सड़ गया। इन स्थानों पर तकरीबन ऐसे आठ फव्वारें हैं, जो अनदेखी व प्रशानिक लापरवाही की भेंट चढ़ गए।
बता दें कि जामुल पालिका क्षेत्र में प्रदूषण कम करने के लिए 2015 में विभिन्न वार्डों में फव्वारा बनाया गया था। उस समय बकायदे छोटा गार्डन के अंदर आधा दर्ज हाथी की सुंदर प्रतिमा बनाकर उसके अंदर फव्वारा बनाया गया था। एक फव्वारा बनाने में करीब तीन लाख रुपये से अधिक खर्च आये थे। इस तरह कुल आठ फव्वारे लगाये गये थे। ये सभी फव्वारा पार्षद निधि से बनाया गया था। इन फव्वारा से दिन रात रंग बिरंगे पानी की बूंदे लोगों को आकर्षित कर रही थी। शुरूआत में तो सब कुछ ठीक ठाक रहा, लेकिन उसके बाद रखरखाव न किए जाने से जर्जर हो गया। यहां लगे फव्वारें, लाइट एवं मोटरपंप, केवल आदि गायब हो गये। इस तरह देखा जाये तो आम जनता के 24 लाख रुपये से अधिक नगर पालिका की लापरवाही के चलते बर्बाद हो गये।
यहां लगाया गया था फव्वारा:
वार्ड एक- मंगलभवन, वार्ड चार पुरैना तालाब, वार्ड छह संतोषी पार्क, वार्ड 13 गंगाराम साइकिल स्टोर के पास, वार्ड -14 गार्डन, वार्ड-16 सुभाष नगर, वार्ड -16 नगर पालिका के ठीक सामने एवं वार्ड -19 सुरडुंग में 2015 में लाखों रुपये खर्च कर फव्वारा लगाया गया था। जो आज देखरेख के अभाव में जर्जर हो गया है।
2015 में विभिन्न वार्डों पार्षद निधि से फव्वारें लगाये गये थे। लेकिन असमाजिक तत्वों द्वारा सभी फव्वारें से केबल, लाइट एवं मोटरपंप चोरी कर लिये गये है। इसके चलते सभी बंद हो गये है।