कांग्रेस की 'धरोहर द लिगेसी' नामक वीडियो श्रृंखला हुई शुरु... देश को आजाद कराने के संघर्ष पर है आधारित.....

कांग्रेस की 'धरोहर द लिगेसी' नामक वीडियो श्रृंखला हुई शुरु... देश को आजाद कराने के संघर्ष पर है आधारित.....

Avinash


रांची:  झारखंड कांग्रेस ने कहा है कि देश की आजादी के लिए अपने संघर्षों, इतिहास और राष्ट्र निर्माण में योगदान को लेकर ‘धरोहर’ नाम से एक वीडियो श्रृंखला की शुरुआत की गयी है।
पार्टी के सभी नेता-कार्यकर्त्ता सोशल मीडिया पर इस वीडियो को शेयर करेंगे और नयी तथा युवा पीढ़ी को कांग्रेस व देश की आजादी के संघर्ष के बारे में बताएंगे। 

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, राजेश गुप्ता और अमूल्य नीरज खलखो ने रविवार को बताया कि आजादी के पहले और आजादी के बाद देश ने एक लंबी यात्रा की है। कांग्रेस इस यात्रा की सारथी रही है। इस यात्रा में आये संघर्षों और बलिदान के बारे में वर्तमान पीढ़ी को जानकारी उपलब्ध कराना जरूरी है। इसी के तहत ‘धरोहर’ श्रृंखला का पहला एपिसोड सभी के सामने पेश किया गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक विचाराधारा है, जो हमेशा से देश की आवाज रही है। इस श्रृंखला में कांग्रेस के 135 वर्षां के इतिहास और विरासत में बारे में चर्चा होगी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की 1885 में स्थापना के बाद आजादी की लड़ाई लड़ी गयी और कांग्रेस की अगुवाई में भारत का स्वतंत्रता संघर्ष दुनिया का सबसे बड़ा जनआंदोलन बना। बहुत लोगों ने अपनी कुर्बानी दी, कई नेता बरसों जेल में रहे। इसे युवा पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए इस श्रृंखला की शुरुआत की गयी है!


प्रवक्ताओं ने बताया कि जारी पहले वीडियो में यह कहा गया है कि 28 दिसंबर 1885 भारत को संगठित करने के लिए एक कदम उठाया गया था। भारत के संघर्ष को एक शक्ल देने और चर्चा करने के लिए संगठन को एक आकार दिया गया था। एक विचार जिसको अंततः भारत को ब्रिटिश अत्याचार से आजादी दिलाना और भारत को महाशक्ति बनाना था। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस एओ ह्यूम, डब्ल्यूसी बनर्जी, दादा भाई नौरोजी एमजी रानाडे, दिनशा वाचा और कई अन्य महान व्यक्तियों द्वारा स्थापित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारतीय जनता की आवाज को एक मंच देने का काम शुरू किया था।

1885 से 1905 के बीच भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस नागरिक अधिकारों के साथ-साथ प्रशासनिक व संवैधानिक अधिकारों और आर्थिक नीतियों के संदर्भ में कई प्रस्ताव पारित किए। दिनों दिन बढ़ती ताकत के साथ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस जल्द ही गणराज्य की मांग करने वाले भारतीयों के लिए एक मंच बन गया। इसका नेतृत्व बाल गंगाधर तिलक, ऐनी बेसेंट, गोपाल कृष्ण गोखले से लेकर सुरेंद्रनाथ बनर्जी जैसे दिग्गजों ने किया। यह 1947 का साल था जब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भारत की आजादी के अपने मिशन में सफल रही। अपने अहिंसक संघर्ष से लेकर लोगों का, लोगों द्वारा और लोगों के लिए लोकतांत्रिक धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी गणराज्य बनाने के लिए दुनिया भर में पहचान बनाई।

आजादी के बाद कांग्रेस की जिम्मेदारी थी देश को एकजुट करते हुए विकास के रास्ते पर ले चलना जैसा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था। उन्होंने कहा कि हम अपने अगले एपिसोड में 1885 से 1894 के सत्रों के बारे में बात करेंगे। एक ऐसा समय जब देशभर के कांग्रेसी नेता विचार विमर्श और रणनीति बनाने के लिए एकजुट होते रहे हैं। कांग्रेस पार्टी इस वीडियो की श्रृंखला के माध्यम से वर्तमान पीढ़ी के समक्ष कई महत्त्वपूर्ण इतिहास की जानकारी उपलब्ध कराऐगी।
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