Sarguja Bulletin>> अंबिकापुर में आधिकारिक रेड से बचने के लिए रेत माफियों ने काट दी सड़क...

Sarguja Bulletin>> अंबिकापुर में आधिकारिक रेड से बचने के लिए रेत माफियों ने काट दी सड़क...

Avinash

|ब्यूरो•अम्बिकापुर|
बलरामपुर जिले के रामचंद्रपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत त्रिशूली से लगे पांगन नदी के अवैध रेत उत्खनन स्थल पर शुक्रवार की देर रात पुलिस व प्रशासनिक अमले ने दबिश देकर दो पोकलेन व छह ट्रैक्टर को जब्त कर लिया!
रेत माफियाओं ने पुलिस व प्रशासनिक अमले को मौके पर पहुंचने से रोकने के लिए सारा प्रबंध कर रखा था। एक स्थान पर रेत से लदे दो ट्रैक्टरों को खड़ी कर रास्ता जाम करने के बावजूद बाइक से टीम के सदस्यों के आगे बढ़ने पर रास्ते को भी खोद दिया गया था। लगभग डेढ़ किलोमीटर पैदल चलकर टीम जब वहां पहुंची तो कोई नजर नहीं आया। जब्त वाहनों को सनावल थाने में खड़ा करा दिया गया है।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के प्रतिबंध के बावजूद उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे बलरामपुर जिले के नदियों से रेत का अवैध उत्खनन कर उत्तर प्रदेश में खपाए जाने की शिकायत लगातार सामने आ रही थी। पुलिस और प्रशासन की शह पर रेत का अवैध कारोबार धड़ल्ले से जारी रहने के आरोपों के बीच प्रशासन की होती किरकिरी को देखते हुए आखिरकार कलेक्टर श्याम धावडे व पुलिस अधीक्षक रामकृष्ण साहू को रणनीति बनाकर संयुक्त टीम को जांच व कार्यवाई में लगाना पड़ा। रात लगभग 10 बजे रामानुजगंज से प्रशिक्षु डिप्टी कलेक्टर व तहसीलदार विवेक चंद्राए नायब तहसीलदार सालिक राम गुप्ता सनावल थाने के लिए रवाना हुए। वहां थाना प्रभारी अमित बघेल के नेतृत्व में पुलिस बल पहले से ही मुस्तैद था।
सनावल थाने से संयुक्त टीम चार पहिया और दोपहिया वाहनों से ग्राम पंचायत त्रिशूली में अवैध रेत उत्खनन के लिए बदनाम स्थल के लिए रवाना हुई। बताया जा रहा है कि रेत माफियाओं को पहले ही खबर लग चुकी थी कि बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को साथ लेकर अधिकारी अवैध रेत उत्खनन वाले स्थल पर पहुंचने वाले हैं। अधिकारियों और कर्मचारियों को रोकने के लिए रात के अंधेरे में रेत माफियाओं द्वारा रेत से लदे दो ट्रैक्टरों को सड़क पर खड़ा कर मार्ग अवरूद्ध कर दिया गया थाए ताकि चार पहिया वाहन से मौके तक कोई न पहुंच सके। किसी भी परिस्थिति से निपटने की पूरी तैयारी के साथ निकले। अधिकारियों ने रात के अंधेरे में जब देखा कि चार पहिया वाहनों से आगे नहीं बढ़ा जा सकता तो साथ में चल रहे 11 बाइक में सवार होकर पांगन नदी की ओर आगे बढ़े। रेत माफियाओं ने उत्खनन स्थल तक बाइक पहुंचने से रोकने के लिए सड़क को भी जगह.जगह खो दिया था। लगभग डेढ़ किलोमीटर पहले अधिकारियों व पुलिस बल को अपनी बाइक भी खड़ी कर देनी पड़ी। वहां से पैदल टीम के सदस्य पांगन नदी पर पहुंचे तो मौके पर कोई भी नजर नहीं आया!


नदी के बीचों-बीच रेत जमा कर उसमें दो पोकलेन मशीन को खड़ा किया गया था। अवैध तरीके से उत्खनन रेत से लदे छह ट्रैक्टर भी मौके पर खड़े हुए थे। मौके का निरीक्षण करने के बाद संभावना जताई गई कि रात में भी रेत उत्खनन और परिवहन का काम चल रहा था। जब टीम मौके पर पहुंची तो रोशनी की कोई व्यवस्था नहीं थीए लेकिन जिस प्रकार ट्रैक्टरों में रेत लदा हुआ था और पोकलेन खड़ी हुई थी उससे रात में भी बिना किसी डर भय के रेत का अवैध उत्खनन कर ट्रैक्टरों के जरिए परिवहन कराए जाने का अनुमान लगाया जा रहा है। अलसुबह 5 बजे बजे तक कार्रवाई चलती रही और सुरक्षित तरीके से जप्त दोनों पोकलेन व ट्रैक्टरों को सनावद थाने में लाकर खड़ी करा दी गई रेत का अवैध कारोबार लंबे समय से चल रहा था नियम प्रक्रियाओं के विपरीत प्रतिबंध के बावजूद रेत माफियाओं को खुली छूट दिए जाने से पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारियों की संलिप्तता के आरोप भी लगने लगे थे लगातार सामने आ रही शिकायतों और ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए आखिरकार टीम को कार्रवाई करनी पड़ी।

पहले से ही मिल जाती थी सूचना:

प्रशिक्षु डिप्टी कलेक्टर व रामानुजगंज के तहसीलदार विवेक चंद्रा का दावा है कि रेत के अवैध उत्खनन की शिकायत के आधार पर पूर्व में भी कई बार कार्यवाही की कोशिश की गईए लेकिन जब. जब प्रशासन और पुलिस के अधिकारी कर्मचारी मौके पर पहुंचे तो रेत उत्खनन में लगी मशीनें नजर नहीं आई और न ही परिवहन में लगे वाहन उन्होंने संभावना जताई कि ईद के मौके पर पहुंचने से पहले ही इस कारोबार में शामिल लोगों को संभवत सूचना मिल जाती थी अब तक की जांच के बाद उन्होंने आशंका जताई है कि रामानुजगंज सनावद से लेकर रेत उत्खनन स्थल तक जगह जगह मुखबीर तैनात किए गए होंगे जिनके द्वारा इस कारोबार मैं शामिल लोगों तक सूचना दे दी जाती होगी इसके एवज में कमीशन मिलने की आशंका भी जताई जा रही है।

15 हेक्टेयर प्लांटेशन बर्बादए बना दी सड़क

प्रतिबंध के बावजूद रेत के अवैध उत्खनन को लेकर ग्रामीण व क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि लगातार विरोध कर रहे हैं। पिछले दिनों रेत उत्खनन स्थल के नजदीक ग्रामीणों व पंचायत प्रतिनिधियों ने धरना भी दिया था। आरोप है कि त्रिशूली में रेत परिवहन और वाहनों को खड़ा करने के लिए रेत माफियाओं द्वारा लगभग 15 हेक्टेयर क्षेत्र में प्लांटेशन को बर्बाद कर दिया गया है। वहां से सड़क बना दी गई है। प्लांटेशन एरिया से ही रेत का उत्खनन कराया जा रहा है 24 घंटे ट्रैक्टरों से रेत का परिवहन उत्तर प्रदेश की सीमा पर दम कराने का खेल पिछले कुछ दिनों से चल रहा था। वहां से बड़ी ट्रकों के माध्यम से अरे उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों के लिए ले जाया जा रहा था!!!
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