|ब्यूरो•सूरजपुर|✍️सत्यम साहू|
छात्र संगठन जोगी के जिलाध्यक्ष कुंदन विश्वकर्मा के नेतृत्व में जिलाधीश महोदय के समझ शासकीय महाविद्यालय बिश्रामपुर के सप्रमाण संगीन मामले उजागर किए गए। ज्ञात हो कि शासकीय महाविद्यालय के प्राचार्य और वाणिज्य विषय के सहायक प्राध्यापक पर पूर्व से ही कई विभागीय अथवा अन्य जांच चल रही है। जो कछुआ चाल की स्थिति में है!
श्री विश्वकर्मा ने बताया कि महाविद्यालय में सत्र 2018-19 में में अतिथि व्याख्याताओं के चयन में नियम कानून को ताक में रखा गया था और तीन व्याख्याताओं के चयन में धांधली की गई है। छात्रों के अध्ययन में भी भ्रष्टाचार करने वाले प्राचार्य को उपहार स्वरूप लखनपुर का प्राचार्य बना दिया जाना अव्यवहारिक निर्णय रहा है!
महाविद्यालय में अर्थशास्त्र विषय के लिए अतिथि व्याख्याता का चयन मेरिट सूची में जानबूझकर गड़बड़ी के द्वारा किया गया। उच्च शिक्षा संचालनालय के नियमों पर प्राचार्य की मनमानी हावी होने की वजह से छात्रों का अहित हुआ है।
प्राचार्य तथा चयन समिति ने मामले पर पर्दा डालने के लिए श्रेणी 4 में अपात्र प्रतिभागि को रखकर साल भर वेतन दिया हैं। प्राचार्य डीडीओ के अधिकार का दुरुपयोग करने से भी पीछे नहीं हटे तथा कोषालय की राशी का दुरुपयोग किया!
छात्र हितों का हनन करने वाले प्राचार्य से तो 2018-19 के छात्रों का शिक्षण शुल्क लौटाते हुए जिला कोषालय सूरजपुर के राशी की ब्याज सहित वसूली की जानी चाहिए!
सप्रमाण शिकायतों के साथ छात्र संगठन ने घोषणा की है कि
इसी सत्र में चयनित दो अन्य विषयों के अतिथि व्याख्याताओं के मामले भी 15 दिवस के अंदर उजागर किए जाएंगे। जिसमें की प्राचार्य और समिति की धांधली और इनके झूठे बहानों का पलटवार किया जाएगा!
श्री विश्वकर्मा ने बताया कि महाविद्यालय में तीन प्राध्यापक 2017-18 में कार्यभार ग्रहण किये थे। जिनमें कि भूगोल और जीवविज्ञान के सहायक प्राध्यापक का निवास बिश्रामपुर शहर रहा है तो वहीं वाणिज्य विषय के सहायक प्राध्यापक 28 किमी दूर अंबिकापुर में निवास करते रहे हैं। इनके द्वारा हाउस रेंट अलाउंस का लाभ तो लिया जाता है पर हाउस रेंट की पर्ची सार्वजनिक करने से डरते हैं।
उक्त प्राध्यापक बस स्टैंड से आवागमन 2017 से कर रहे हैं इसलिए छात्र संगठन ने उनके कार्यभार ग्रहण माह से लेकर जुलाई 2020 तक की हाउस रेंट रसीद सार्वजनिक किए जाने की मांग उठाई है।
श्री विश्वकर्मा ने बताया कि 04 मई 2020 से लेकर 15 अगस्त 2020 तक ये महाविद्यालय से गायब रहे हैं। इनकी अकल्पनीय छुट्टियों का राज अवकाश आवेदनों और उपस्थिति पंजी मै ही मिल सकता है। प्राचार्य की परम चाटुकारिता की वजह से उन्हें लगातार सुरक्षित रखा जाता है और ये सदैव मनमाने ढंग से आते जाते हैं।
छात्र संगठन ने यह भी आरोप लगाया है कि पिछले पांच सालों के वाणिज्य विषय के छात्रों के उत्तीर्ण होने का औसत प्रतिशत निकालने पर ही यह स्पष्ट हो जाएगा कि 2017 के बाद वाणिज्य के परिणाम में गिरावट किसकी लापरवाही से है!
छात्र हितों के लिए संगठन ने 10 दिनों का समय देते हुए निलंबन / अथवा अन्यत्र स्थापित कर जांच करने की मांग की है। तथा संगठन ने ऐसा न होने की स्थिति में 07 सितंबर को सूरजपुर कलेक्ट्रेट में धरना प्रदर्शन की अग्रिम अनुमति का आवेदन भी दे दिया है। इस अवसर पर संगठन के आकाश गुप्ता, सरफराज खान, अमान खान, सिट्टू गुप्ता, नवनीत दुबे, आकाश पांडेय, सुशील विश्वकर्मा, आदर्श सिंह आदि मौजूद थे!!!