वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, आरोपी सरपंच की भूमिका बाघ शिकार की साजिश में सामने आई है। पूछताछ के दौरान उसकी निशानदेही पर बाघ के नाखून और बाल बरामद किए गए हैं, जिन्हें जांच के लिए सुरक्षित रखा गया है। ये बरामदगी मामले में अहम साक्ष्य मानी जा रही है।
वन विभाग ने बताया कि बाघ की हत्या करंट लगाकर की गई थी। यह इलाका सूरजपुर और बलरामपुर जिले की सीमा से सटा हुआ है, जहां पहले भी जंगली सूअर के शिकार के लिए करंट फैलाने की घटनाएं सामने आती रही हैं। इसी अवैध गतिविधि की चपेट में आकर बाघ की मौत हुई।
मामले के खुलासे के बाद वन विभाग की टीमें लगातार छापामार कार्रवाई कर रही हैं। डॉग स्क्वायड और विशेष दलों को जंगल और आसपास के गांवों में लगाया गया है। विभाग का दावा है कि अन्य आरोपियों की पहचान कर ली गई है और उन्हें भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
वन विभाग ने स्पष्ट किया है कि बाघ जैसे संरक्षित वन्य प्राणी की हत्या एक गंभीर अपराध है और इसमें शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। दोषियों पर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
