गोंगपा किसान मोर्चा का घुई वन परिक्षेत्र अधिकारी कार्यालय का घेराव कल, जनहित की मांगों को लेकर रैली भी
@प्रतापपुर- छत्तीसगढ़//संतोष सिंह सूर्यवंशी)
कवल साय सरूता के नेतृत्व में गोंगपा किसान मोर्चा ने 8 अक्टूबर को जनहित की विभिन्न मांगों को लेकर कलेक्टर और वन मण्डलाधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए रैली और घेराव का ऐलान किया है। ज्ञापन में वन अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा गया है कि वन परिक्षेत्र अधिकारी अक्षय लाल पेटर, वनपाल विरेन्द्र झा, मनोज तिवारी और परमेश्वर पैकरा ने अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006, 2007 और संशोधित अधिनियम 2021-22 का उल्लंघन किया है।
*किसानों की बेदखली और वन भूमि पर नए कब्जे का आरोप* ज्ञापन में बताया गया है कि 13 दिसंबर 2005 के पहले से वन भूमि पर काबिज किसानों को बेदखल किया जा रहा है, जबकि धनाढ्य किसानों को संरक्षण देकर वन भूमि में नया कब्जा दिलाया जा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम सभा से बिना किसी प्रस्ताव के कंट्रोल गड्ढे की खुदाई और निर्माण कार्य किए जा रहे हैं, जिससे ग्रामवासियों का निस्तार बाधित हो रहा है और पूरे क्षेत्र में व्यापक जनाक्रोश व्याप्त है।
*हाथियों से हुए नुकसान के मुआवजे की मांग*गोंगपा किसान मोर्चा ने ज्ञापन में बताया कि वर्ष 2022 में जंगली हाथियों ने किसान भागीरथी और बिरबल के बैलों को मार दिया था, लेकिन आज तक मुआवजा राशि नहीं दी गई। इसी साल जंगली हाथियों ने महेंद्र, सुभाष, सूरज दोहरे, शिवप्रसाद, रामचंद्र, महावीर, रनसाय, शिवा सिंह और वंशरूप के धान की फसलों को नुकसान पहुंचाया, जिसका उचित मुआवजा अब तक नहीं मिला है। वर्ष 2024 में भी जंगली हाथियों ने किसान बृज दोहरे, रामचंद्र और रामलाल के मकानों को तोड़कर क्षति पहुंचाई, जिसके लिए भी मुआवजे की मांग की जा रही है। *वन अधिकारियों पर गैर-जिम्मेदारी और सूचना न देने का आरोप* ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि घुई वन परिक्षेत्र के अधिकारी और कर्मचारी नियमित रूप से क्षेत्र में उपस्थित नहीं रहते हैं, जिससे जंगली हाथियों के विचरण की सूचना समय पर नहीं दी जाती। इससे मानव-हाथी द्वंद की संभावना बनी रहती है। अधिकारियों और कर्मचारियों की मनमानी और गैर-जिम्मेदाराना रवैये से ग्रामीणों में आक्रोश फैला हुआ है।
*रैली और घेराव की घोषणा*गोंगपा किसान मोर्चा ने प्रशासन से मांग की है कि वन अधिकारों की मान्यता अधिनियम 2006, 2007, संशोधित अधिनियम 2021-22, और छत्तीसगढ़ पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) नियम 2022 का सख्ती से पालन हो। न्याय की मांग को लेकर 8 अक्टूबर को ग्राम दुलदुली से घुई तक रैली निकालकर वन परिक्षेत्र अधिकारी कार्यालय का घेराव किया जाएगा। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे और भी व्यापक आंदोलन करेंगे।