@कमल चन्द साहू)
बलरामपुर। सचिव और पंचायत सरना का करतूत सामने आया है। जहां मतदाताओं के मताधिकार के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, जो अपने मत का सही उपयोग करने से वंचित हो जा रहे हैं। वहीं जो व्यक्ति पंच पद के लिए चुनाव लड़कर जीत हासिल करने की तमन्ना दिल में सजोए थे, उनके सपनों में पर पानी फिर गया है। हालांकि उन्होंने ने अभी तक कोई हार नहीं माने हैं।
अपने अधिकार के लिए कई अधिकारियों तथा दफ्तरों का चक्कर लगा चुके हैं। जहां नाना प्रकार से यहां वहां जाने व कई जवाब मिला लेकीन अभी तक दोषियों पर कोई कार्यवाही नहीं किया गया है और ना ही अभी तक सूची में पारदर्शिता लाया गया है। इससे स्पष्ट होता है कि गलत तरीके से व्यक्ति विशेष को लाभ दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। मतदाता अपने स्वेक्षानुरूप मातादान करने से वंचित हो जा रहे हैं। जहां जनपद सीईओ को मामले से अवगत कराया गया लेकिन उन्होंने एक टूक में ही अपना पलड़ा झाड़ते हुए कहा कि यह सब काम सीईओ के अंडर में नहीं आता है। इस तरह मुख्य कार्यपालन अधिकारी भी बोल कर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना अपना दायित्व समझ लिया गया।
वहीं जनपद सीईओ कार्यलय के अधिकारी शिव कुमार ने बताया कि दावा आपत्ति के लिए लगा सकते हैं, समय भी निकल गया है। आगे जा सकते हैं जैसा होगा सुधार हो सके। लेकीन सभी जगहों पर सिर्फ़ निराशा ही नज़र आया। जहां नाराज़ हो मतदाता मतदातासूची की विसंगतियां दूर नहीं होने की स्थिति में पंचायत सचिव आनन्द गुप्ता को अन्यत्र स्थान पर स्थानांतरण करने हेतु चाह रहे हैं, ताकि भविष्य में उनके साथ इस तरह उनके अधिकारों के साथ खेलम खेला का व्यवसाय बंद हो सके।
विडंबना की बात तो यह है कि आखिर एक ही खानदान के परिवारों के 12 लोगों का नाम वार्ड नंबर 16 से वार्ड नंबर 17 में डाल दिया गया और उसी 17 वार्ड से 16 वार्ड में भी कुछ लोगों को डाल दिया गया। इस तरह का खेल खत्म होने को लेकर तत्काल प्रभाव से सचिव को अन्यत्र स्थानांतरित कराने के लिए रोष व्याप्त है। इसमें प्रथम दृष्ट्या पंचायत सचिव क्या आनन्द गुप्ता का हाथ है, जो जिनके लापरवाही से इतनी बड़ी गड़बड़ी करने का भूमिका निभाया गया है।