@कोरिया//बैकुंठपुर (संतोष कुमार सूर्यवंशी)
जिले में मौसमी बीमारियों का सिलसिला चल पड़ा है, आए दीन जिले के सभी अस्पतालों में मरीज अपनी इलाज कराने पहुंच रहे है, मगर अस्पताल में जिला प्रशासन की व्यस्था को देख ओ खुद हार मान लेते है |
उनको बैड नही मिलता, कुछ दवाई बाहर मिलेगा, आयुष्मान कार्ड में भर्ती पर्ची बनवाना है वार्ड 10 :30 बजे खुलेगा, फिर महिला एवम पुरुष वार्डो में बैड, नही, मरीज अपनी व्यवस्था कर के रास्तों पर जमीन पर लेटता है , आखिर क्यू व्यवस्था नही मिल पा रही मरीजों को?
जिले में नई महिला कलेक्टर आई है, जो लगातार लोगों की समस्या जान रहीं है, तो कलेक्टर मेडम जी जिले में स्वास्थ विभाग में बैड की कमी को दूर करें, महिलाओं के लिए जरूर व्यवस्था करें |
क्या कोई बताएगा की - महिलाएं जमीन पर दर्द से रोते हुए , बीमारी से परेशान होते हुए, एक बच्ची अपनी मम्मी को देख रेख करते हुए जमीन पर बैठे तो, महिलाए क्या करेंगे, क्या यह उनके सम्मान की बात है?? बताए जिला प्रशासन -मंत्री जी ध्यान दीजिए.?
और जब हमने यहां की प्राइवेड वार्ड देंखे तो पता चला कि उसकी भी बैडों की संख्या में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है, आखिर जिला अस्पताल में इलाज कराने कौन आता है, गरीब ही आता है, जिनके पास व्यवस्था नही है पैसे की, तो इनके संख्याओं में भी ध्यान देना शासन और प्रशासन की जिम्मेदारी होती है|
यह पूरा मामला कोरिया जिले के जिला अस्पताल की है जहा का नजारा, काफी दुखदायक था, खास कर महिलाओं के लिए सम्मान की बात करने वाली सरकार में महिलाए जमीन पर लेटे है, और उनके सर के नीचे कई गंदे पैर चले और वह चुप चाप अपनी इलाज पर ध्यान दे, सब कुछ सहन कर के, अयेसे नारी भारत में ही मिलती है |
मरीजों के खाने का हाल देख लीजिए,
देखिए साफ सफाई का हाल