@छत्तीसगढ़//स्वास्थ्य कर्मी!!
कोरोना महामारी में अपनी जान की बाजी लगाकर करोड़ों जनता की बचाई जान,अब शासन कर रही इग्नोर
14 अलग अलग संगठन करेंगे शिरकत,चरमरा जायेगी ग्रामीण क्षेत्र से लेकर शहर की स्वास्थ्य व्यवस्था,बंद हो जाएंगे,उपस्वास्थ्य केंद्र,HWC,प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र,सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र,जिला,अस्पताल,मेडिकल कॉलेज
*स्वास्थ्य विभाग में विभिन्न कैडर के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के* *विसंगतियों एवं व्याप्त समस्याओं को लेकर हेल्थ फेडरेशन का गठन किया गया जिसका मुख्य उद्देश्य हक एवं अधिकार के लिए लड़ाई लड़ना ज्ञात हो की शनिवार रविवार एवम् सभी त्योहार में भी स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा कार्य लिया जाता है लेकिन भुगतान शून्य होता है जिसके लिए आंदोलन की रणनीति तैयार की गई इस हेल्थ फेडरेशन में स्वास्थ्य विभाग के 14 कैडर शामिल है छत्तीसगढ़ इनसर्विस डॉक्टर्स एसोसिएशन,* *स्वास्थ्य एवं बहुद्देशीय कर्मचारी संघ छत्तीसगढ़ ,जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ,स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ छत्तीसगढ़ ,छत्तीसगढ़ प्रदेश NHM कर्मचारी संघ, नर्सिंग ऑफिसर्स एसोसिएशन* *छत्तीसगढ़ ,यूनाइटेड डॉक्टर्स फ्रंट एसोसिएशन , परिचारिका कर्मचारी कल्याण संघ छत्तीसगढ़ ,छत्तीसगढ़ FMG डॉक्टर्स* *असोसिएशन ,छत्तीसगढ़ RMA असोसिएशन ,छत्तीसगढ़ प्रदेश शासकीय वाहन चालक स्वास्थ्य विभाग* कल्याण संघ,छत्तीसगढ़ प्रदेश नर्सेस असोसिएशन
छत्तीसगढ़ डेंटल *असोसिएशन ,छत्तीसगढ़ रेगुलर जूनियर डॉक्टर्स असोसिएशन सभी संगठनों ने मांगो को लगातार नजरअंदाज करने पर कड़ा एतराज जताते हुए आंदोलन की रणनीति अपनाई, फेडरेशन के प्रमुख मांगो में वेतन विसंगति ,अवकाश का भुगतान ,कोविड इंसेंटिव ,IPHS सेटअप की स्वीकृति एवं भर्ती जैसी समस्याएं है जिसको लेकर हेल्थ फेडरेशन 11 अगस्त को 1 दिन का सांकेतिक प्रदर्शन करने जा रहा है उसके पश्चात 21 अगस्त से अनिश्चितकालीन आंदोलन का प्रस्ताव रखा गया जिसमें हेल्थ फेडरेशन के सभी 14 संगठनों के बीच आम सहमति बनी ये अब तक का प्रदेश स्तर पर सबसे बड़ा आंदोलन होने जा रहा है सरकार स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को काविड के समय बिना अवकाश बहुत से कार्य लिए लेकिन स्वास्थ्य कर्मियों की उपेक्षया से नाराज एस्मा में भी आंदोलन के लिए बाध्य है ,ज्ञात हो कि इस हड़ताल में डॉक्टर्स ,स्वास्थ्य संयोजक (RHO),स्टॉफ नर्स , वाहन चालक , वार्ड बॉय , ड्रेसर ,सीएचओ , संविदा कर्मी जैसे महत्वपूर्ण कैडर के कर्मचारी अधिकारी शामिल होंगे जिससे ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के स्वास्थ्य केंद्रों ,मेकाहारा जैसी स्वास्थ्य संस्थाओं में सेवाएं बाधित होगी जिससे प्रदेश की जनता को स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित होना पड़ सकता है ऑपरेशन एवं पोस्टमॉर्टम जैसी सेवाएं नही मिलने से प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था बिगड़ जाएगी जिसके लिए प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के सभी 14 कैडर आमजनता से क्षमा मांगते है इस आंदोलन के लिए प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार जिम्मेदार है वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा पिंगुआ कमिटी गठित की गई लेकिन 4 साल बाद भी कमिटी के रिपोर्ट के आधार पर ना तो वेतन विसंगति दूर की गई ना ही कमिटी का रिपोर्ट मुख्यमंत्री महोदय द्वारा मंगा कर कुछ कारवाही की गई । जिससे क्षुब्ध स्वास्थ्य कर्मी आंदोलन का रुख अख्तियार कर अपनी मांगों के लिए प्रदर्शन करेंगे और पूरे प्रदेश के लोगो को बताएंगे की कोरोना वॉरियर को अनदेखा कर सरकार कितनी बड़ी गलती कर रही है जिसका खामियाजा भी चुनाव में भुगतना पड़ सकता है जिसके लिए प्रदेश की सरकार पूर्ण रूप से जिम्मेदार है*