छोटे कर्मचारियों पर कब तक गिरते रहेगा कार्यवाही की गाज जहा बड़े अधिकारी कमीशन के नाम पर देते हो भ्रष्टाचार को बढ़ावा - जनपद पंचायत भैयाथानI

छोटे कर्मचारियों पर कब तक गिरते रहेगा कार्यवाही की गाज जहा बड़े अधिकारी कमीशन के नाम पर देते हो भ्रष्टाचार को बढ़ावा - जनपद पंचायत भैयाथानI

शशि रंजन सिंह

*छोटे कर्मचारियों पर कब तक गिरते रहेगा कार्यवाही की गाज जहा बड़े अधिकारी कमीशन के नाम पर देते हो भ्रष्टाचार को बढ़ावा - जनपद पंचायत भैयाथान।*

 

*ग्रामीणों ने जनपद पंचायत से जिला पंचायत तक किया शिकायत नहीं सुनने पर पहुंचे कलेक्टर के पास तब जाकर हुई कारण बताओ नोटिस जारी।*

 

*15 से 20 वर्ष पूर्व मृत व्यक्ति लक्ष्मी नारायण के नाम 2020-21 में डबरी स्वीकृत कराकर जनपद स्तर के अधिकारियों के सहयोग से दूसरे हितग्राही कृष्ण बिहारी के डबरी को दिखाकर कर लिया 200912 रुपए का फर्जी आहरण।*

 

शशी रंजन सिंह

 

सूरजपुर(सी एन बी लाइव न्यूज़ ब्यूरो चीफ ):-- जिले के जनपद पंचायत भैयाथान के अधिकारियों सहित ग्राम पंचायत स्तर के सरपंच और सचिव का हमेशा सुर्खियों में रहना आम बात हो गई है और उन सुर्खियों में जिला पंचायत का सहयोग न मिले ऐसा कभी हो सकता है मामला जनपद पंचायत भैयाथान के अंतर्गत आने वाला ग्राम पंचायत सलका का है जहां ग्राम पंचायत में हो रहे गलत कार्यों का और गलत कार्य कर रहे निर्माण एजेंसी का विरोध लगातार किया है और इस दिशा में रोक थाम के लिए ग्रामीणों ने जनपद पंचायत भैयाथान से लेकर जिला पंचायत तक के अधिकारियों को अवगत कराया लेकिन मजाल है की किसी की नजर ग्राम पंचायत सलका में हो रहे गलत कार्यों पर पड़ता जिम्मेदारों पर कोई दिशा निर्देश जारी किया जाता रोक थाम के लिए और रोक थाम कराया भी क्यों जाता मामला जो कमीशन का था अंत में तक हार कर ग्रामीण जिला कलेक्टर के समक्ष पहुंचते है और ग्राम पंचायत सलका में हो रहे निर्माण कार्य की वास्तविक जानकारी देते हुए बताते है की ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव और रोजगार सचिव निर्माण कार्यों से संबंधित बड़े अधिकारियों और अन्य जनप्रतिनिधियों के सहयोग से ग्राम पंचायत सलका में भ्रष्टाचार का एक काला अध्याय लिखा जा रहा है और कार्यवाही के नाम पर सिर्फ छोटे कर्मचारियों पर गाज गिरता हुआ दिखाई दे रहा है।

 

*पुराने कुआं में 1 मीटर निर्माण करा कर आहरण कर लिया गया पूरा पैसा*

 

जीतराम के पुराना कुआं का निर्माण करा कर रोजगार सहायक के द्वारा बिना कार्य पूर्ण कराएं अनाधिकृत रूप से राशि हरण कर लिया गया हितग्राही के बयान के अनुसार कुआं 7 वर्ष पहले हितग्राही द्वारा स्वयं के द्वारा बनाया गया है तथा उसी कुआं के ऊपर 1 मीटर का जगत का कार्य कराया गया वही संबंधित तकनीकी सहायक के द्वारा अनुविभागीय अधिकारी से सत्यापन कराकर 417886 रुपए का अनाधिकृत रूप से आहरण किया गया है जहां सरपंच एवं रोजगार सहायक के द्वारा 7 सप्ताह का फर्जी मास्टर रोल तैयार कर तकनीकी सहायक से मूल्यांकन कर फर्जी तरीके से भुगतान किया जाना पाया गया है तथा कार्य का जियो टेकिंग फर्जी तरीके से किसी अन्य कुआं का किया गया है।

 

*ट्यूबवेल खनन का कार्य निजी भूमि में किया गया है*

 

ग्राम पंचायत सलका में देवाला पारा में ट्यूबवेल खनन के नाम पर संबंधित विभाग के अधिकारियों से मिलीभगत करते हुए निजी भूमि पर कार्य कराया गया ट्यूबवेल खनन का कार्य।

 

*लगभग 20 वर्ष पहले मृत व्यक्ति के नाम पर डबरी की कराई गई स्वीकृति*

 

महात्मा गांधी नरेगा योजना अंतर्गत ग्राम पंचायत सलका में मृत लक्ष्मी नारायण जो कि लगभग 15 से 20 वर्ष पहले उनकी मृत्यु हो चुकी है जहां ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव, रोजगार सहायक और संबंधित अधिकारियों की मिलीभगत से मृत व्यक्ति के नाम से वित्तीय वर्ष 2020- 21 में कार्य स्वीकृत कराया जाता है वही स्वीकृति कार्य लक्ष्मी नारायण आत्मज रामप्रसाद की डबरी के जगह किसी अन्य हितग्राही कृष्ण बिहारी नाम के डबरी को दिखाकर संबंधित अधिकारियों के सहयोग से एजेंसी के द्वारा 200912 रूपये का शासकीय राशि का बंदरबांट कर दिया गया।

 

*15वें वित्त योजना में की गई भ्रष्टाचार*

 

ग्राम पंचायत सलका में 15 वे वित्त योजना अंतर्गत मियां पारा में नाली निर्माण कार्य के नाम पर निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत सलका द्वारा 100000 रुपए का आहरण किया गया है तथा निर्माण कार्य नहीं कराया गया है जहां ग्रामीणों द्वारा शिकायत करने के बाद जल्दबाजी में कुछ काम करवाया गया है और 15वे वित्त योजना अंतर्गत लगभग 75000 हजार रुपए का आहरण किया गया है जबकि स्थल निरीक्षण के दौरान निर्माण कार्य मानक अनुसार 16000 से 18000 रुपए में कार्य पूर्ण होना बताया जा रहा है।

 

*जनपद पंचायत एसडीओ और पीओ की भूमिका संदिग्ध*

 

किसी भी ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव और रोजगार सहायक के द्वारा जब काम का सैंक्शन कराया जाता है और उसका निर्माण कराया जाता है तत्पश्चात निर्माण हुए कार्य का सत्यापन जनपद स्तर के अधिकारियों के द्वारा किया जाता है जिनमें एसडीओ पियो और तकनीकी सहायक सम्मिलित होते हैं जहां ग्राम पंचायत सलका के सरपंच सचिव और रोजगार सहायक के द्वारा अगर इतनी बड़ी आहरण और पैसे का बंदरबांट किया गया है तो क्या यह बंदरबांट सिर्फ सरपंच सचिव और रोजगार सहायक के आपसी सहमति से ही किया जा सकता है शायद नहीं इसमें जनपद स्तर के भी बड़े अधिकारियों की बराबर की हाथ होगी तभी ग्राम पंचायत स्तर के कर्मचारी और जनप्रतिनिधि ऐसे कदम उठाने में सक्षम होंगे जिनमें जनपद स्तर के एसडीओ, पियो और सहायक तकनीकी का बराबर का हिस्सेदारी होता दिखाई देता है जहां पियो, सहायक तकनीकी और एसडीओ के द्वारा निर्माण कार्यों का बराबर निरीक्षण करना सत्यापन करना होता है जब ग्राम पंचायत सलका में ट्यूबवेल खनन सही जगह पर हुआ नहीं ग्राम पंचायत में नाली निर्माण सही तरह से हुआ नहीं ग्राम पंचायत में कूप निर्माण वास्तविक रूप में किया ही नहीं किया वही लगभग 15 से 20 वर्ष पहले मृत हुए व्यक्ति के नाम से डबरी का सैंक्शन काया जाता है और दूसरे व्यक्ति का डबरी दिखाकर सत्यापन करा लिया जाता है तो क्या जनपद स्तर के एसडीओ, पीओ और तकनीकी सहायक निर्माण स्थल पर उपस्थित होकर निर्माण कार्यों का सत्यापन मूल्यांकन नहीं करते हैं क्या यह सिर्फ जनपद स्तर के कार्यालय में बैठकर ही कागजी कार्यवाही को पूर्ण मान लेते और आंख मूंदकर हस्ताक्षर करते हुए सत्यापन और मूल्यांकन के कार्य को पास कर देते हैं और जब शिकायत होती है जांच अधिकारी पहुंचते हैं तो कार्रवाई सिर्फ छोटे अधिकारियों पर होती है आखिर बड़े अधिकारियों को क्यों बचाया जाता है आखिर भ्रष्टाचार शासकीय पैसे का बंदरबांट तो इन्हीं अधिकारियों के सहयोग से होता है जहां एसडीओ मैडम से फोन पर बात करने की कोशिश की जाती है तो उनके द्वारा बोला जाता है कि ऐसा नोटिस जिला पंचायत के द्वारा काटा गया है जिला पंचायत वाले ही बताएंगे यह हमारे कार्य क्षेत्र से बाहर है और इसमें हमारा कोई सहयोग नहीं और ना ही मैं इस संबंध में बात करना चाहती हूं क्योंकि इस विषय पर मेरा सचिव से बात नहीं हो पा रहा है आखिर मैडम सचिव को क्या बताना चाहती हैं आखिर सचिव से क्या बात करना चाहती है क्या एसडीओ मैडम के हस्ताक्षर के बिना मूल्यांकन सत्यापन हो सकता है बिल कैसे पास हो जाता है आखिर कब गिरेगी बड़े अधिकारियों पर कार्यवाही की गाज जहा सिर्फ छोटे कर्मचारियों को ही कार्रवाई के नाम पर विभाग कार्रवाई करते हुए बड़े अधिकारियों को बचाते रहता है।

To Top