मैनपुरी के सूरज तिवारी ने IAS की परीक्षा पास की है. इनके ना पैर है ना एक हाथ. दूसरे हाथ में दो उँगलियाँ है. 2017 में ट्रेन दुर्घटना में हो गए थे दिव्यांग.. इनके पिता परिवार चलाने के लिए दर्जी का काम करते हैं. उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के कुरावली कस्बे के रहने वाले सूरज तिवारी के पिता दर्जी हैं। एक ट्रेन हादसे के कारण दिव्यांग हो चुके सूरज तिवारी ने हिम्मत नहीं हारी और आज यूपीएससी परीक्षा में 917वीं रैंक हासिल की है।
2017 में ट्रेन हादसे के बाद नौ महीने अस्पताल में एडमिट रहे सूरजसूरज दिल्ली में एक प्राइवेट नौकरी करते थे, लेकिन सूरज तिवारी के साथ 20917 में हुए हादसे ने जिंदगी ही बदल दी। यात्रा कर रहे थे तब उन्हें किसी ने चलती ट्रेन से धक्का दे दिया था। इस हादसे में सूरज की जान तो बच गई लेकिन उसने अपने दोनों पैर और एक हाथ और दूसरे हाथ की तीन उंगलियां गवां दी। इस हादसे के बाद एम्स असपताल में नौ महीने तक सूरज तिवारी अस्पताल में भर्ती रहे।
सूरज तिवारी ने नहीं मानी हारसूरज तिवारी ने दिव्यांग होने के बाद हार नहीं मानी, उन्होंने अपनी दिव्यांगता और गरीबी को कभी कमजोरी नहीं माना। अपनी मंजिल को हासिल करने के लिए ईमानदार कोशिश करते रहे।
सूरज तिवारी के घर में सालों बाद खुशियों ने किया है रुखसूरज तिवारी दिव्यांग होने के बाद दिन रात यूपीएससी की तैयारी की। बेटे की इस सफलता सूरत के पिता फूले नहीं समा रहे हैं, उन्होंने कहा मुझे लग रहा है कि मैं कोई सुंदर सपना देख रहा हूं। वहीं सूरज के परिवार के अन्य सदस्य और उनके जानने वाले सूरज तिवारी की इस सफलता पर अचंभित होने के साथ- साथ बेहद खुश हैं। बेटे के साथ हुए हादसे में जवान बेटे के विकलांग होने के बाद आज सूरज का परिवार सालों बाद खुल कर हंसा और खुशियां मना रहा है।
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