"आंगनवाड़ी केंद्र बरपारा ,जोकि ग्राम पंचायत डकईपारा के सामने स्थित है, इसकी निर्माण 2007 में हुई थी तथा यहां कई गरीब परिवार के बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं, वहीं दूसरी ओर आज 2023 में इसकी हालत बहुत ही ज्यादा खराब हो चुकी है, दूर से देखने पर ही इसकी जर्जर ता नजर आती है, जानकारी के अनुसार इसकी मरम्मत आज तक नहीं हुई है, जिसका परिणाम यह है कि ग्रामीण बच्चों के लिए यह मौत का खतरा बनती जा रही है, अभी हाल ही में दरवाजे के सामने जो सीमेंट का छज्जा बना हुआ है, वह भारी मात्रा में टूटकर बिखर गया, गनीमत यह थी कि उस दिन छुट्टी का था यानी कि रविवार दिन था इसलिए बच्चे आए नहीं थे नहीं तो बहुत बड़ा हादसा हो जाता, जिसकी जिम्मेदारी क्या शासन-प्रशासन लेती क्या शासन प्रशासन को यह पता है कि उनके क्षेत्र में आने वाले कितने आंगनवाड़ी केंद्र क्षतिग्रस्त हैं, टूटकर गिरने की अवस्था में है या कितने आंगनवाड़ी मरम्मत का कार्य हेतु जरूरी है आखिर इन सब का जिम्मेदार कौन है..?
आगे आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने बताया इसकी मजबूती की स्थिति काफी जर्जर है बरसात के समय में पानी भी टपकता है बच्चों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है इस बार की बारिश से मौसम में स्थिति और भी गंभीर हो जाएगी क्योंकि अब भवन के कुछ भाग टूट टूट कर गिरना प्रारंभ कर दिए हैं
आपको बता दें कि आंगनबाड़ी केंद्र का भवन पंचायत भवन के सामने ही है तथा एनएच 43 से लगा हुआ है तथा आने जाने वाले सभी जिम्मेदार लोगों की नजर इस भवन पर पढ़ती है मगर इसकी खराब स्थिति किसी को नजर नहीं आती यह काफी चिंता का विषय है आगे महिला आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने क्या कहा आपको वीडियो के माध्यम से सुनाते हैं
सीएम भूपेश बघेल एवं शिक्षा मंत्री जी कई अथक प्रयास शिक्षा के क्षेत्र में कर रहे हैं मगर ऐसी स्थिति जब देखने को मिलती है तो कई सवाल उठते हैं की कैसी शिक्षा गरीब ग्रामीण बच्चों को सरकार देना चाहती हैं जहां उनको एक जर्जर भवन की मरम्मत तक समय पर ना मिल पाती हो तथा 2007 का बना भवन इसकी स्थिति क्या है ये पूछने वाले आला अधिकारी तक ना आते हो इसकी स्थिति को देखकर उचित कदम नहीं उठाते हो तो ग्रामीणों के बच्चों का भविष्य उज्जवल कहां तक और कैसे होगा..??